अयोध्या : दिसंबर से शुरू होगा राममंदिर के चबूतरे और कॉरीडोर का निर्माण
नींव के लिए खोदे गए 40 फिट गहरे गड्ढे को भरने के लिए लेयर डालने का काम प्रगति पर है। ऐसी 44 लेयर डालने के बाद 16 फीट ऊंचे चबूतरे (प्लिंथ) पर भव्य राममंदिर का गर्भगृह व मंडप आकार लेगा।
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रामजन्मभूमि परिसर में श्रीराम मंदिर के नींव का कार्य तेजी से चल रहा है। नींव के लिए खोदे गए 40 फिट गहरे गड्ढे को भरने के लिए लेयर डालने का काम प्रगति पर है। ऐसी 44 लेयर डालने के बाद 16 फीट ऊंचे चबूतरे (प्लिंथ) पर भव्य राममंदिर का गर्भगृह व मंडप आकार लेगा। इसी के समानांतर ही राममंदिर के कॉरीडोर (परिक्रमा पथ) का काम भी प्रारंभ किया जाएगा।
लेयर डालने का काम अक्तूबर तक पूरा करने का लक्ष्य है इसके बाद राममंदिर के चबूतरे व कॉरीडोर का काम शुरू हो जाएगा। राममंदिर निर्माण के लिए नींव भराई का काम देश के विशेषज्ञ इंजीनियरों की निगरानी में चल रहा है।
नींव भराई के लिए खोदे गए 40 फीट गहरे गड्ढे को भरने के लिए लेयर डालने का काम संचालित है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र बताते हैं कि नींव भराई का काम अक्तूबर तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद दिसंबर से राममंदिर के चबूतरे व कॉरीडोर के निर्माण का काम शुरू होगा। 16 फीट ऊंचे चबूतरे पर भव्य राम मंदिर के मुख्य गर्भ गृह और मंडप का निर्माण होगा। साथ ही इसी के समानांतर कॉरीडोर का भी प्रारंभ होगा।
एक साथ पांच हजार भक्त राममंदिर की परिक्रमा कर सकें, ऐसी योजना है। बताया कि 16 फीट ऊंचे चबूतरे का निर्माण मिर्जापुर के पत्थरों से किया जाएगा। पत्थरों की आपूर्ति के लिए सप्लायर चयनित किए जा चुके हैं। पत्थरों का मॉक टेस्ट भी हो चुका है। अक्तूबर से पत्थरों की आपूर्ति भी प्रारंभ हो जाएगी। कहा कि बेसमेंट के पत्थर मिर्जापुर से ही नाप-जोख कर आकार लेकर आएंगे। केवल उन्हें यहां क्रमबद्ध तरीके से जोड़ा जाएगा।
पत्थरों को जोड़ने के लिए मोरंग व विशेष रसायन का प्रयोग होगा। उन्होंने कहा कि राममंदिर का निर्माण राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से होगा। इन्हीं पत्थरों पर कलाकृतियां उकेरी जाएंगी। राजस्थान सरकार से पत्थरों की आपूर्ति के लिए वार्ता चल रही है, पत्थरों की आपूर्ति को लेकर जो भी बाधाएं हैं वह लगभग समाप्त होने को हैं। राममंदिर निर्माण के लिए नींव भराई का काम चल रहा है।
44 लेयर में नींव भरी जानी है। अब तक पांच लेयर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। आरसीसी प्रणाली से लेयर डाली जा रही है। एक फीट मोटी लेयर को रोलर से दो इंच कंपैक्ट किया जाता है, फिर लेयर को सुखाने का काम होता है। ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र बताते हैं कि यदि कोई प्राकृतिक बाधा नहीं आती है तो लेयर बनने में दो से तीन दिन फिर सुखाने तक कुल पांच दिन लग जाते हैं।
राममंदिर निर्माण केलिए शेष पत्थरों की तराशी के लिए अयोध्या में जून के अंत तक कार्यशाला का शुभारंभ हो जाएगा। रामसेवकपुरम व श्रीराम जन्मभूमि परिसर दो स्थानों पर कार्यशाला खोली जाएगी। वहीं रामसेवकपुरम कार्यशाला में लगी कटिंग मशीन को शुरू करने के लिए राजस्थान से कारीगर अयोध्या पहुंचे हैं। बहुत दिनों से बंद पड़ी मशीनों की रिपेयरिंग की जा रही है।
बताया गया शीघ्र ही कार्यशाला के लिए कुछ और मशीनें अयोध्या लाई जा रही हैं। जल्द ही मुख्य आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा भी अपनी टीम के साथ अयोध्या पहुंचेंगे।
मुख्य मंदिर एक नजर में --
कुल क्षेत्रफल 2.7 एकड़
मंदिर की कुल लंबाई 360 फीट
मंदिर की कुल चौड़ाई 235 फीट
शिखर सहित मंदिर की कुल ऊंचाई 161 फीट
कुल तलों की संख्या 03
प्रत्येक तल की ऊंचाई 20 फीट
मंदिर के भूतल में स्तंभों की संख्या 160
मंदिर के प्रथम तल में स्तंभों की संख्या 132
मंदिर के दूसरे तल में स्तंभों की संख्या 74
मंदिर में शिखर एवं मंडपों की संख्या 05
मंदिर में द्वारों की संख्या 12