कोल स्टैटिस्टिक्स रिपोर्ट: कोयला उत्पादन में चौथे नंबर पर पहुंचा झारखंड, जानें किसे मिला पहला स्थान
कोकिंग कोल के उत्पादन में झारखंड की बादशाहत बरकरार है। देश में कुल कोकिंग कोल का 99.11 प्रतिशत उत्पादन 2020-21 में झारखंड में हुआ। हालांकि ओवरऑल कोयला उत्पादन में झारखंड चौथे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ पहले स्थान पर, दूसरे स्थान पर ओडिशा तथा तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है।
यह खुलासा कोयला मंत्रालय की ओर से 29 जून को जारी प्रोविजनल कोल स्टैटिस्टिक्स रिपोर्ट 2020-21 में किया गया है। कोल कंट्रोलर की ओर से तैयार उक्त रिपोर्ट को कोयला मंत्री की ओर से जारी की गई है। वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ ने सर्वाधिक 158.409 एमटी कोयला उत्पादन दर्ज किया है।
दूसरे स्थान पर ओडिशा 154.150 एमटी मध्य प्रदेश 132.531 एमटी तथा झारखंड 119.296 एमटी कोयला उत्पादन के साथ चौथे स्थान पर है। वैसे कोयला उत्पादन में चौथे स्थान पर होने के बावजूद झारखंड की महत्ता कोयला को लेकर आज भी सबसे ज्यादा है। इसकर वजह कोकिंग कोल है।
कुल कोकिंग कोल उत्पादन का 99.11 प्रतिशत उत्पादन झारखंड में हुआ। 2020-21 में कोकिंग कोल का 44.787 एमटी उत्पादन हुआ जिसमें 44.387 एमटी उत्पादन झारखंड में हुआ। इसमें सर्वाधिक भागीदारी बीसीसीएल एवं सीसीएल की है। कुछ योगदान झारखंड में स्थिति ईसीएल की खदानों का भी है।
भूमिगत उत्पादन में कमी चिंताजनक
स्टैटिस्टिक्स रिपोर्ट में सबसे चिंताजनक बात यह है कि कुल कोयला उत्पादन का 95.64% ओपेनकास्ट यानी खुली खदानों से हुआ है। पर्यावरण को लेकर यह संकेत ठीक नहीं है। ओपेनकास्ट खदानों से प्रदूषण बढ़ता है। कोयला क्षेत्रों में प्रदूषण बड़ा मुद्दा है। जारी रिपोर्ट के अनुसार मात्र 4.36% प्रतिशत कोयला उत्पादन भूमिगत खदानों से हुआ है। भूमिगत उत्पादन का 70% सिर्फ दो कोयला कंपनियों एसईसीएल एवं ईसीएल से है। रिपोर्ट के अनुसार 684.862 मिलियन टन कोयला उत्पादन ओपनेकास्ट तथा 31.222 मिलियन टन उत्पादन भूममिगत खदानों से हुआ है।
चार राज्यों से 80% कोयला उत्पादन
छत्तीसगढ़ 22.12%
ओडिशा 21.53%
मध्य प्रदेश 18.51%
झारखंड 16.66%