जिंदा जलाकर मारा गया Navy Sailor सूरज दुबे 23 लाख का कर्जदार, शेयर बाजार में लगाता था पैसे; पुलिस का दावा
चेन्नई से अगवा कर महाराष्ट्र के पालघर में जिंदा जला कर मार दिए गए झारखंड के नौसैनिक सूरज कुमार दुबे के बारे में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पलामू के रहने वाले इस नौसैनिक ने शेयर बाजार में काफी पैसे लगा रखे थे।
महाराष्ट्र के पालघर में जिंदा जलाकर मार डाले गए झारखंड के नौसैनिक सूरज कुमार दुबे को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक भारतीय नौसेना का नाविक जिसे चेन्नई में अपहरण कर लिया गया था और बाद में महाराष्ट्र के एक जंगल में जिंदा जला दिया गया, वह एक शौकीन शेयर बाजार का खिलाड़ी था, जिसने लगभग 23 लाख रुपये का भारी कर्ज ले रखा था। पुलिस ने कहा कि नौसैनिक की वीभत्स हत्या के पीछे का मकसद अभी पूरी तौर पर स्पष्ट नहीं है, लेकिन पुलिस की 10 टीमें इस पूरे मामले के पड़ताल के लिए लगाई गई है। हत्याकांड की जांच के लिए 100 पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस का दावा है कि जल्द ही सूरज दुबे हत्याकांड का पर्दाफाश कर लिया जाएगा।
पालघर के एसपी दत्तात्रेय शिंदे ने रविवार को बताया कि इस केस में मजबूत लीड्स विकसित हुई हैं जो जल्द ही इस मामले को सुलझाने में मदद कर सकती हैं। 27 साल के सूरज कुमार दुबे कोयम्बटूर में आइएनएस अग्रणी पर सीमैन के रूप में कार्यरत थे। घर से छुट्टी बिताकर वे 31 जनवरी को रांची से फ्लाइट से ड्यूटी पर वापस लौटने के लिए निकले थे। इस दौरान चेन्नई हवाई अड्डे के बाहर कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया था। 3 दिनों के बाद सूरज को 1500 किलोमीटर दूर पालघर के जंगलों में लाया गया और पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया। वे 90 प्रतिशत तक जल गए थे। इलाज के लिए अस्पताल लाए जाने के क्रम में उनकी मौत हो गई। सूरज कुमार दुबे से 10 लाख रुपये फिरौती की मांग की गई थी। ताजा जानकारी के मुताबिक नौसेना पुलिस ने भी इस मामले की स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है।
पालघर के पुलिस अधीक्षक दत्तात्रेय शिंदे ने कहा कि मृतक सूरज दुबे 3 मोबाइल का इस्तेमाल करता रहा है, जिसमें से एक विशेष रूप से स्टॉक और शेयरों में काम करने के लिए रखा था, इससे उसका परिवार भी अनजान था। दूबे ने 8 लाख रुपये का पर्सनल लोन ले रखा था। उसने अपने सहकर्मी से साढ़े 5 लाख रुपये का कर्ज लिया था। बीते 15 जनवरी को उसकी सगाई के बाद उसके भावी ससुराल वालों से 9 लाख रुपये का एक और कर्ज मिला था। इस तरह उसपर कुल 23 लाख रुपये के कर्ज थे।
एसपी ने बताया कि मृतक सूरज कुमार दुबे की मोबाइल कॉल डिटेल्स की जांच में एक नंबर से 13 कॉल किए जाने का पता चला है। उसके चेन्नई से पालघर लाए जाने के मामले की जांच भी की जा रही है। चेन्नई से लापता होने और ड्यूटी पर नहीं लौटने के बाद सूरज कुमार दुबे के पिता मिथिलेश दुबे ने पूछताछ करने के लिए आइएनएस अग्रणी कमांडर अशोक राय से संपर्क किया, तब उनके काम पर वापस नहीं आने की जानकारी मिली। तब झारखंड के चैनपुर, पलामू पुलिस स्टेशन में सूरज दुबे की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
मृतक सूरज दुबे ने 31 जनवरी की रात को अपने दो फोन स्विच ऑफ कर दिए थे, जिसमें आखिरी लोकेशन चेन्नई एयरपोर्ट के आसपास का दर्शाया गया है। उसके चचेरे भाई चंद्रदेव दुबे ने इस दौरान उसके तीसरे चालू मोबाइल पर कॉल किया था, लेकिन दुबे ने कोई जवाब नहीं दिया। पुलिस ने जांच के क्रम में दो शेयर-ट्रेडिंग फर्मों से संपर्क किया है। हालांकि उनके पिता मिथिलेश दुबे ने दावा किया है कि उन्हें अपने बेटे के शेयर बाजार में निवेश, बड़े ऋण और संबंधित पहलुओं की कोई जानकारी नहीं है।
पालघर के एसपी ने कहा कि हत्या के पीछे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। पुलिस टीम पहले ही जांच करने के लिए चेन्नई पहुंच चुकी है। हमें उम्मीद है कि मामले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा। दुबे के बैंक ऑफ इंडिया के दो शेयर-ट्रेडिंग फर्मों को हस्तांतरित की गई राशि के साथ कुल 392 रुपये का बचत शेष है। दुबे 2013 में भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे और ओडिशा में आईएनएस चिल्का में एक प्रारंभिक कार्यकाल के बाद, उन्हें मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया था और 2019 में तमिलनाडु में आईएनएस अग्रणी में तैनात किया गया था।
एसपी दत्तात्रेय शिंदे ने कहा कि दुबे को पालघर के जंगलों में एक सुदूर पहाड़ी इलाके में ले जाया गया और जला दिया गया। बुरी तरह से झुलसे और लहू-लुहान अवस्था में उन्हें गांव वालों ने देखा और पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद घोलवड़ पुलिस ने गंभीर हालत में उन्हें दहानू अस्पताल और बाद में मुंबई में आइएनएस अश्विनी में रेफर कर दिया गया। जहां शुक्रवार की देर रात उसकी मौत हो गई।