दिल्ली में कोरोना : संक्रमण के 19,953 नए मामले आए सामने, 338 की मौत
दिल्ली में कोरोना की रफ्तार बीते तीन-चार दिनों में कुछ कम तो हुई है लेकिन आंकड़े जहां तक भी पहुंचे हैं वे भी कम चिंताजनक नहीं है। दूसरी तरफ दिल्ली में प्राणवायु का संकट भी बना हुआ है और व्यवस्थाओं को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट लगातार केंद्र और दिल्ली सरकार पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहा है। मंगलवार को दिल्ली में कोरोना के 19,953 नए मामले सामने आए और 338 मरीजों की मौत हो गई।
वैसे राजधानी में बीते कुछ दिनों से कोरोना से हालात कुछ बेहतर होते नजर आ रहे हैं। अब दैनिक संक्रमितों का आंकड़ा घट रहा है, और स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आने वाले कुछ सप्ताह तक यही स्थिति बनी रही तो राजधानी में कोरोना की चौथी लहर का ग्राफ नीचे आ जाएगा।
दिल्ली में इस समय संक्रमण के कुल मरीजों की संख्या 12 लाख के पार हो गई है। इनमें से 11 लाख लोग स्वस्थ हो चुके हैं। बीते तीन दिन की बात करें तो दैनिक संक्रमितो की संख्या लगातार कम हो रही है। 1 मई को कोरोना के 25,219 मामले आए थे, वहीं 2 मई को 20,394 और 3 मई को यह संख्या घटकर 18,043 हो गई। वहीं, स्वस्थ होने वालों की बात करें को 1 मई को 27,421 ठीक हुए, 2 मई को 24,444 और 3 मई को 20,293 लोगों ने कोरोना को मात दी।
आंकड़ों पर गौर करें तो 1 से 3 मई के तक कुल 72 हजार से ज्यादा मरीज संक्रमण को मात दे चुके हैं। वहीं, इस दौरान कुल 63 हजार 656 मामले आए हैं। लिहाजा संक्रमितों के मुकाबले स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या अधिक रही है। 28 मार्च के बाद ऐसा पहली बार है संक्रमितों के मुकाबले अधिक लोग स्वस्थ हुए हैं। इससे दिल्ली में कोरोना से रिकवरी दर 90 फीसदी से ज्यादा हो गई है।
कोरोना के मामलों में हो रही गिरावट और स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में हो रहे इजाफे पर एम्स के डॉक्टर विक्रम का कहना है कि तीन दिन के आंकड़ों के हिसाब से लग रहा है कि दिल्ली में संक्रमण कमजोर हो रहा है। हालांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि राजधानी में कोरोना की चौथी लहर का पीक बीत चुका है। क्योकि, इस पर तभी कुछ कहा जा सकता है, जब यह स्थिति आने वाले 1 से 2 सप्ताह तक बनी रहे।
डॉक्टर के मुताबिक, आने वाले 10 दिनों तक इसी प्रकार के रुझान दिखाई दिए तो कह सकते हैं कि राजधानी में संक्रमण की चौथी लहर कमजोर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह देखना होगा कि आने वाले समय में यह आंकड़ा और कितना कम होता है।