दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर उपद्रव के बाद यूपी में अतिरिक्त सतर्कता, कई जिलों पीएसी ने संभाला मोर्चा

यूपी के विभन्न जिलों में कहीं कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए किसान नेताओं से संवाद बनाए रखने की रणनीति के तहत कदम बढ़ाए जा रहे हैं। सूबे में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के साथ 152 कंपनी पीएसी व छह कंपनी सीआरपीएफ मुस्तैद की गई है।

दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर उपद्रव के बाद यूपी में अतिरिक्त सतर्कता, कई जिलों पीएसी ने संभाला मोर्चा

किसान आंदोलन को लेकर यूपी पुलिस ने पहले से ही कमर कस रखी थी और हर जगह सतर्कता बरती जा रही थी। गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में हुए उपद्रव के बाद अब सूबे में मुस्तैदी और बढ़ा दी गई है। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से लेकर लखनऊ, कानपुर और लखीमपुर में अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।

यूपी के विभन्न जिलों में कहीं कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए किसान नेताओं से संवाद बनाए रखने की रणनीति के तहत कदम बढ़ाए जा रहे हैं। सूबे में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के साथ 152 कंपनी पीएसी व छह कंपनी सीआरपीएफ मुस्तैद की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों से देर रात तक सूबे में चल रही गतिविधियों की पूरी जानकारी ली। वरिष्ठ अधिकारी भी गाजियाबाद समेत अन्य जिलों से पल-पल की सूचनाएं लेते रहे।

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना के बाद चिल्ला बार्डर, दलित प्रेरणा स्थल से कुछ किसान संगठनों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है। बागपत में किसानों को समझाकर धरना खत्म कराया गया है। यूपी गेट पर भी पूरी सतर्कता बरते जाने के साथ ही वहां एकत्रित लोगों को समझाकर वापस भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं। एडीजी का कहना है कि पूरे प्रकरण में दिल्ली पुलिस यदि कोई सहयोग मांगेगी, तो उसकी पूरी मदद की जाएगी। उपद्रव करने वाले किसी तत्व को प्रदेश में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उपद्रवियों को शरण देने वालों के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी।

किसान आंदोलन के दृष्टिगत शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लखनऊ, लखीमपुर, कानपुर, गाजियाबाद, पीलीभीत, मेरठ,बागपत, मथुरा, आगरा, वाराणसी, सहारनपुर, संभल, अमरोहा, शाहजहांपुर, गोरखपुर समेत अन्य जिलों में अतिरिक्त मुस्तैदी बरते जाने के निर्देश दिए गए हैं। 19 जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कैंप भी कर रहे हैं। उन्हें बतौर नोडल अधिकारी तैनात कर सभी व्यवस्थाओं पर नजर रखने व किसान नेताओं को समझाकर शांत कराने के निर्देश दिए गए हैं।

डीजीपी मुख्यालय स्तर से खासकर इंटरनेट मीडिया और शरारती तत्वों पर कड़ी नजर रखे जाने का निर्देश भी दिया गया है। सोशल मीडिया पर कोई भड़काऊ अथवा आपत्तिजनक संदेश प्रस्तारित करने वालों पर त्वरित कार्रवाई करने को कहा गया है। किसी तरह की अफवाह फैलाने का प्रयास करने अथवा कोई गड़बड़ी करने वालों पर भी सतर्क दृष्टि रखी जा रही है।

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