पैकेजिंग व मार्केटिंग की दी जाएगी जानकारी, तोरपा का कटहल व बेर दूसरे राज्य भी जाएंगे
प्रधानमंत्री वन धन योजना के तहत युवाओं को इमली महुआ कटहल बेर इत्यादि की साफ सफाई पैकेजिंग का प्रशिक्षण के अलावा इन उत्पादों से संबंधित सारी जानकारी और मार्केंटिंग सिखाई जाएगी। तोरपा का कटहल व बेर दूसरे राज्यों में भी भेजे जाएंगे।
झारखंड के कुछ वर्ग के लोग आज भी अपनी थोड़ी सी आमदनी से गुजारा करते हैं। इन्हीं में से एक वर्ग है आदिवासियों का। यह वर्ग आज भी वनों में उगाए जाने वाले उत्पाद पर निर्भर है। लेकिन उनके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। क्योंकि ये लोग इतने शिक्षित नही हैं। ऐसे में न तो वनों में उगाई जाने वाली चीजों का ठीक से इस्तेमाल हो पाता है और न ही इन लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरती है। इसलिए ही वन धन योजना के तहत कमेटी बना कर आदिवासियों के लिए आजीविका सृजन को लक्षित करने की पहल की गई है।
यह बातें अंचलाधिकारी आशीष मंडल ने फटका पंचायत सचिवालय में आयोजित ग्राम सभा के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री वन धन योजना के तहत अब आदिवासी वन से उपजने वाले फलों का व्यपार कर सकते हैं। योजना के अंतर्गत इन युवाओं को इमली, महुआ, कटहल, बेर इत्यादि की साफ सफाई, पैकेजिंग का प्रशिक्षण के अलावा इन उत्पादों से संबंधित सारी जानकारी और मार्केंटिंग सिखाई जाएगी। वन धन योजना के तहत तोरपा का कटहल व बेर दूसरे राज्यों में भी भेजे जाएंगे।
इससे न केवल ये लोग कुशल होंगे, बल्कि इनकी आय में काफी बढ़ोतरी होगी।सरकार के इस कदम से आदिवासियों का विकास होगा, साथ ही सरकार को भी अतिरिक्त टैक्स प्राप्त होगा और वनोत्पादों का पूरी तरह से उपयोग किया जा सकेगा। वहीं बैठक के दौरान वन धन विकास केंद्र कालेट की कमेटी बनाई गई थी। उसे उनकी कार्ययोजना के बारे में बिस्तार पूर्वक बताया गया।
बैठक में सर्वसम्मति में ग्रामीणों ने तेल कारखाना खोलने का प्रस्ताव रखा गया । साथ ही ग्रामीणों ने कटहल और बेर को पैंकिग कर अन्य राज्य भेजने का बात हुई। इस बैठक में ग्रामीणों के साथ साथ तोरपा महिला संघ प्रियंका तोपनो, शिवलाल महतो,रोशन कण्डूलण, सुशील कंडुलना, संगीता देवी, संजीत नाग व ग्राम प्रधान उपस्थित थे।