लेखा-जोखा : योगी सरकार ने साढ़े चार वर्ष में दीं 6.65 लाख नौकरियां, चुनाव तक 7 लाख पार करने की तैयारी
3.44 लाख रिक्त पदों पर नियमित सरकारी नौकरी दी, 3.21 लाख संविदा व आउटसोर्सिंग से की भर्ती सबसे ज्यादा पुलिस व बेसिक शिक्षकों की भर्तियां, नई भर्तियों पर मुख्यमंत्री कार्यालय की नजर
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प्रदेश की योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग में 6,696 शिक्षकों की नियुक्ति पत्र का वितरण करने के साथ ही साढ़े चार वर्ष में 6.65 लाख से अधिक भर्तियां पूरी कर ली हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले युवाओं को रिझाने के लिए सरकार यह संख्या 7 लाख पार करने की योजना पर काम कर रही है। भर्ती एजेंसियों की रिक्त पदों पर भर्ती की कार्यवाही पर मुख्यमंत्री कार्यालय नजर रख रहा है।
विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी नेता प्रदेश में बेरोजगारी को मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। तो सत्ताधारी दल ज्यादा से ज्यादा सरकारी नौकरियां देकर सपा व बसपा राज में दी गई नौकरियों से तुलनात्मक रिपोर्ट पेश कर तथ्यात्मक जवाब देने की योजना पर काम रहा है। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि विभिन्न भर्ती आयोगों, चयन बोर्डों व विभागों ने अब तक 6 लाख 65 हजार 339 रिक्त पदों पर भर्ती की है।
इसमें 3 लाख 44 हजार 136 पदों पर नियमित सरकारी नौकरी दी गई हैं। इसमें सबसे ज्यादा भर्तियां पुलिस व बेसिक शिक्षा विभाग ने की हैं। बाकी 3,21,203 पदों पर संविदा व आउटसोर्सिंग के माध्यम से लोगों को सरकारी सिस्टम में काम का अवसर दिया गया है। सरकार आने वाले दिनों में रिक्त पदों पर प्रक्रियाधीन भर्तियों को पूरी कर 7 लाख नौकरी देने का रिकार्ड बनाएगी।
74 हजार रिक्त पदों पर भर्ती की कार्यवाही तेज
प्रदेश सरकार चुनाव से पहले 74 हजार से अधिक और रिक्त पदों पर नियमित सरकारी नौकरी देने की योजना पर काम कर रही है। भर्ती आयोगों व बोर्डों के अध्यक्षों ने दो जुलाई को मुख्यमंत्री के साथ बैठक में 74 हजार रिक्त पदों पर भर्ती की कार्ययोजना पेश की थी। इसमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 30 हजार, उच्चतर शिक्षा चयन आयोग ने 17 हजार और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने 27 हजार रिक्त पदों पर भर्ती की बात कही थी। अधिकारी ने बताया कि इनमें से कुछ विज्ञापन निकल चुके हैं तो कुछ की लिखित परीक्षा की तैयारी चल रही है। कोविड की तीसरी लहर ने खलल न डाली तो ये भर्तियां जनवरी से पहले पूरी हो जाएंगी। इस तरह पांच वर्ष में 4.28 लाख (3.44 लाख व 74 हजार मिलाकर) नियमित सरकारी नौकरी देना एक रिकार्ड होगा।
वर्ष 2017 से अब तक युवाओं को दी गई सरकारी नौकरियां
यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड, लखनऊ 1,43,445
बेसिक शिक्षा विभाग 1,25,987
राज्य लोक सेवा आयोग 32,685
यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग 18,584
यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज 15,004
यूपी उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग प्रयागराज 1,924
यूपी पॉवर कार्पोरेशन लि./ विद्युत सेवा आयोग लखनऊ 6,507
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योग 3,44,136
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संविदा के माध्यम से रखे गए कार्मिक 47,546
आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गए कार्मिक 2,73,657
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कुल योग 6,65,339
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आउटसोर्सिंग नौकरियों से कर्मचारी खुश नहीं
प्रदेश में सरकारी नौकरियों को आउटसोर्सिंग से भरने को प्रोत्साहन दिए जाने पर कार्मिकों में गहरी नाराजगी है। कार्मिकों का कहना है कि पिछले साढ़े चार वर्ष में जो भर्तियां हुई हैं उसमें 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी आउटसोर्सिंग व संविदा की पहुंच गई है। ये भर्तियां प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से की जाती हैं। शासन स्तर से तमाम तरह के दिशानिर्देश जारी किए जाने के बावजूद आउटसोर्सिंग में नियुक्ति के समय एडवांस वसूली, नवीनीकरण में मुश्किलें, समय से मानदेय भुगतान की समस्याएं बनी हुई हैं।
संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रीतेश मल्ल का कहना है कि आउटसोर्सिंग कार्मिकों को कभी भी समय से वेतन नहीं मिलता। पीएफ व ईएसआई का समय से भुगतान नहीं होता है। जब चाहे पुराने कार्मिकों को हटाकर नए को रख लिया जाता है। सरकार को आउटसोर्सिंग की व्यवस्था समाप्त कर कार्मिकों को शोषण से मुक्त करना चाहिए।