Sampoorn Kranti Day: सात किलोमीटर लंबा था जेपी का जुलूस, फायरिंग के बाद भी बिगड़ने नहीं दी स्थिति

Sampoorn Kranti Day 50 लाख चिट्ठियों को एक ट्रक पर लादकर जेपी तत्कालीन राज्यपाल रामचंद्र धोंडीबा भंडारे के पास ले जा रहे थे। 5 जून 1974 को पटना के कदमकुआं से निकलने वाला जुलूस लगभग सात किमी लंबा था।

Sampoorn Kranti Day: सात किलोमीटर लंबा था जेपी का जुलूस, फायरिंग के बाद भी बिगड़ने नहीं दी स्थिति

Sampoorn Kranti Day: लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने इंदिरा गांधी की कार्यशैली और आपातकाल के विरोध में पटना के गांधी मैदान से पांच जून 1974 को 'संपूर्ण क्रांति' का नारा दिया। जेपी को सुनने हजारों की भीड़ उमड़ी। गांधी मैदान में सभा को संबोधित करने से पहले जेपी ने दोपहर सर्वोदय संगठन के कई कार्यकर्ताओं व अन्य के साथ जुलूस में शामिल हो राजभवन की ओर प्रस्थान किया। राजभवन में गवर्नर को पत्र सौंप सभा के लिए वापस गांधी मैदान लौटने लगे तो हड़ताली मोड़ के पास जुलूस पर फायरिंग की गई, जिसके बाद अनुयायियों ने उन्हें डाक बंगला छोड़ पीछे के रास्ते से छज्जू बाग होते हुए मैदान पहुंचाया।

जेपी ने मांगा था जनप्रतिनिधियों से इस्‍तीफा

जुलूस के प्रत्यक्षदर्शी और जेपी आंदोलन से जुड़़े डॉ. प्रो. रमाकांत पांडेय के अनुसार, जुलूस में वामपंथी व कांग्रेस को छोड़कर साहित्यकार, डॉक्टर, किसान नेता, वकील व अन्य लोग आए थे। महिलाएं भी शामिल हुई थीं। जुलूस के साक्षी रहे पटना के तत्कालीन जिलाधिकारी वीएस दुबे बताते हैं, जेपी ने शासन-व्यवस्था के खिलाफ जनप्रतिनिधियों से इस्तीफा मांगा था। गांवों व कस्बों आदि में रहने वाले लोगों से अपील की थी कि जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली के खिलाफ पत्र लिखें। उनकी बातों पर अमल कर राज्य की जनता ने पोस्टकार्ड व अन्य माध्यमों से पत्र लिखा।

सात किलोमीटर लंबा था पटना का जुलूस

50 लाख चिट्ठियों को एक ट्रक पर लादकर जेपी तत्कालीन राज्यपाल रामचंद्र धोंडीबा भंडारे के पास ले जा रहे थे। 5 जून 1974 को पटना के कदमकुआं से निकलने वाला जुलूस लगभग सात किमी लंबा था। गवर्नर को पत्र पहुंचाने के बाद जब जुलूस के साथ जेपी गांधी मैदान की ओर जाने लगे, तभी हड़ताली मोड़ से कुछ दूरी पर 'इंदिरा ब्रिगेड' से जुड़े लोगों ने फायरिंग कर दी। इससे भगदड़ मच गई। 'इंदिरा ब्रिगेड' से जुड़े लोग बेली रोड स्थित ऑफिसर फ्लैट में थे।

जुलूस पर गोली चलते ही उग्र हो गई जनता

जुलूस पर गोली चलाने का उद्देश्य जेपी के अभियान को विफल करना था, लेकिन जेपी रास्ता बदल गांधी मैदान पहुंचे। जुलूस पर फायरिंग को लेकर जनता उग्र हो गई थी। ऐसे में एक पत्र के जरिए जयप्रकाश को संदेश दिया गया कि सभा के बाद लोगों से शांति से घर जाने का निवेदन करें। जेपी ने भीड़ के सामने पत्र पढ़ते हुए लोगों को चुपचाप घर जाने को कहा। उनकी बातों के असर से पटना में उपद्रव होने से बच गया।

भीड़ देख हो गए थे भावुक

गांधी मैदान में पहुंचने के बाद जयप्रकाश नारायण विशाल भीड़ को देखकर भावुक हो गए थे। पटना विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक डॉ. प्रो. रामवचन राय बताते हैं, पांच जून 1974 को गांधी मैदान में हुई सभा के दौरान जेपी के साथ मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर भी थे। ठाकुर भूमिगत होकर आंदोलन चला रहे थे। मंच पर फणीश्वरनाथ रेणु ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता का पाठ किया था।