आंदोलनजीवी के बाद अब 'चंदाजीवी' पर मचा बवाल, बयान देकर घिरे SP चीफ अखिलेश यादव
राम मंदिर निर्माण के लिए चलाए गए अभियान को चंदाजीवी बताए जाने पर विहिप ने कड़ा प्रतिवाद किया है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि लगता है कि निहत्थे रामभक्तों को गोलियों से भूनने वालों की भूख अभी शांत नहीं हुई।
आंदोलनजीवी शब्द के बाद अब 'चंदाजीवी' को लेकर बवाल मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से अयोध्या में प्रभु श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से चलाए जा रहे अभियान को 'चंदाजीवी' बताए जाने पर विहिप ने कड़ा प्रतिवाद किया है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि लगता है कि निहत्थे रामभक्तों को गोलियों से भूनने वालों की भूख अभी शांत नहीं हुई। भव्य राममंदिर का निर्माण इनकी आंखों में खटक रहा है, इसलिए वह इस तरह की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि रामद्रोहियों को यह याद रखना चाहिए कि जिसने राम को नकारा, वो गया। जिसने अयोध्या में मारा, वो गया। जिसने संतो/भगवा पर प्रहारा किया, वो गया। जिसने रामसेतु को तोड़ा, वो गया। जिसने बाबा अमरनाथ यात्रा को रोका, वो गया। अयोध्या में बनने वाले भव्य राममंदिर से लगता है कुछ लोग ज्यादा ही आतंकित हैं।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों को आंदोलनजीवी बोलने पर पलटवार किया था। अखिलेश यादव ने लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा था- 'उन्हें क्या कहें जो घर-घर जाकर चंदा ले रहे हैं, क्या ये चंदाजीवी संगठन के सदस्य नहीं हैं?' अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में कहा था- 'देश को आंदोलन की वजह से आजादी मिली। आंदोलनों के चलते कई अधिकार मिले। महिलाओं को वोटिंग का अधिकार भी आंदोलन करने से मिला।'
'जो चंदा लेने निकल जाते हैं उन्हें क्या कहूं'
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था- 'महात्मा गांधी राष्ट्र पिता बने, क्योंकि उन्होंने अफ्रीका, देश और दुनिया में आंदोलन किए। उन आंदोलनों के बारे में क्या कहा जा रहा है? वे लोग आंदोलनजीवी हैं। मैं उन लोगों को क्या कहूं जो लगातार चंदा लेने को निकल जाते हैं, क्या वे चंदाजीवी संगठन के सदस्य नहीं हैं।'