कांग्रेस कमेटी से आज मुलाकात करेंगे कैप्टन अमरिंदर, पंजाब कांग्रेस में कलह दूर करने पर मंथन
एआइसीसी पैनल में मल्लिकार्जुन खड़गे जेपी अग्रवाल और हरीश रावत शामिल हैं। अपनी रिपोर्ट सौंपने के पैनल दो बार राहुल गांधी से मिल चुका है। राहुल गांधी भी पंजाब के मंत्रियों और विधायकों से लगातार मिल रहे हैं।
पंजाब कांग्रेस में जारी कलह को खत्म करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित तीन सदस्यीय पैनल मंगलवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर से दिल्ली में मुलाकात करेगा। इस दौरान कैप्टन की ओर से उठाए गए कुछ बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। पार्टी के बागी नेता नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन के बीच विवाद सुलझाने के लिए पार्टी ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। कमेटी ने पंजाब के मंत्रियों और विधायकों से कई दौर की मुलाकात के बाद अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंपने के बाद पैनल के सदस्यों के साथ यह उनकी पहली बैठक होगी। एआइसीसी पैनल में मल्लिकार्जुन खड़गे, जेपी अग्रवाल और हरीश रावत शामिल हैं। अपनी रिपोर्ट सौंपने के पैनल दो बार राहुल गांधी से मिल चुका है। राहुल गांधी भी पंजाब के मंत्रियों और विधायकों से लगातार मिल रहे हैं। उन्होंने सोमवार को कई मंत्रियों और विधायकों से बात की थी और यह क्रम मंगलवार को भी जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने रविवार को बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न मुद्दों का स्वीकार्य समाधान खोजना है। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के अनुसार, अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रिपोर्ट के कुछ बिंदुओं पर चर्चा करने में रुचि व्यक्त की है और समिति पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उन पर चर्चा करेगी। इससे पहले जून के पहले हफ्ते में मुख्यमंत्री ने समिति के सामने तीन घंटे तकअपना पक्ष रखा था।
सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं, लेकिन पार्टी आलाकमान ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी चाहती थीं कि समिति एक ऐसा फॉर्मूला लाए जो सभी नेताओं को स्वीकार्य हो। इसमें सबसे अहम फैसला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का है।
नवजोत सिंह सिद्धू के 'दो परिवारों द्वारा पंजाब में फायदा उठाने' वाली टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा कि पार्टी प्रासंगिक जानकारी प्राप्त करने के बाद उनके बयान का आकलन करेगी। उन्होंने कहा, 'जब मामला कांग्रेस अध्यक्ष के सामने है, तो अखबारों के जरिए कुछ भी कहना ठीक नहीं है।' राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण हो गया है कि वह पार्टी की पंजाब इकाई में चल रही गुटबाजी को खत्म करने का जल्द समाधान खोजे।