कोरोना का खौफ: ब्लैक मार्केट की तरफ लोगों का रुख, अप्रमाणित दवाओं पर भी 1000 डॉलर तक खर्च करने को तैयार

रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी जमकर हो रही है। मरीज की जान बचाने के लिए परिजन ब्लैक मार्केट की ओर रुख कर रहे हैं। बिचौलियों को मुंह मांगी कीमत चुकानी पड़ रही है। फिर भी समय पर इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं।

कोरोना का खौफ: ब्लैक मार्केट की तरफ लोगों का रुख, अप्रमाणित दवाओं पर भी 1000 डॉलर तक खर्च करने को तैयार

कोरोना वायरस वैक्सीन (सांकेतिक)

विस्तार
भारत में कोरोना संक्रमण हर रोज नए बना रहे हैं। अबतक के सारे रिकॉर्ड को तोड़ते हुए पिछले 24 घंटे में 3 लाख 80 हजार के ऊपर नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 2263 मरीजों की मौतें हुई हैं। इस महामारी की वजह से अस्पतालों में ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटीलेटर्स, बेड और दवाओं की भारी किल्लत हो गई है। रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी जमकर हो रही है। मरीज की जान बचाने के लिए परिजन ब्लैक मार्केट की ओर रुख कर रहे हैं। दूसरी बीमारी में इस्तेमाल होने वाली दवाएं भी कोरोना के इलाज में चल रही हैं। इस गोरखधंधे में बिचौलियों को मुंह मांगी कीमत चुकानी पड़ रही है, फिर भी समय पर इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं, जिससे मरीजों की असमय मृत्यु हो जा रही है। 


दिल्ली में अचानक से कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है। राजधानी के अधिकांश अस्पतालों और फार्मेसियों में दवाओं का स्टॉक नहीं है । लिहाजा लोगों को ब्लैक में दवाएं और इंजेक्शन खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। कोरोना बीमारी में इस्तेमाल होने वाली रेमडिसविर और स्टेरॉयड जैसी दवाओं की भारी किल्लत हो गई है।,लोगों को इलाज कराने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। 


74 हजार रुपए में बिक रहा इंजेक्शन
देश की राजधानी नई दिल्ली में आशीष पोद्दार के पिता राजेश पोद्दार (68) कोरोना मरीज थे। बेहतर इलाज के लिए आशीष पोद्दार ने निजी अस्पताल में दाखिल करावाया, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने दवाओं की किल्लत बताकर हाथ खड़े कर दिए। आशीष ने ब्लैक मार्केट की ओर रुख किया। बिचौलियों ने दवा देने के लिए 1000 डॉलर की मांग की। आशीष ने तुरंत उसे 74,000 रुपए दे दिए, लेकिन घंटों गुजर जाने के बाद भी उसे दवा उपलब्ध नहीं हुई और उसके पिता ने दम तोड़ दिया। इस संकट से गुजरने वाले सिर्फ आशीष ही नहीं बल्कि हर रोज हजारों लोग मरीज की जिंदगी बचाने के लिए बिचौलियों से दवा खरीदते हैं।