झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत फिर बोले, कृषि कानूनों को वापस ले केंद्र सरकार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर किसान आंदोलन के समर्थन में नए कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि किसानों का इतना बड़ा समूह आर-पार की लड़ाई की बात कर रहा है। क्या लोकतंत्र में जन भावना की कोई कद्र नहीं है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर किसान आंदोलन के समर्थन में नए कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि किसानों का इतना बड़ा समूह आर-पार की लड़ाई की बात कर रहा है। क्या लोकतंत्र में जन भावना की कोई कद्र नहीं है। पिछले कई दिनों से सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे किसानों के मसले पर हेमंत ने कहा कि केंद्र सरकार में शामिल लोग समस्या का समाधान निकालना चाहेंगे तो क्यों नहीं निकलेगा।
सवाल उठे हैं तो हल होना चाहिए। किसानों की बात नहीं सुनना हठधर्मिता है। मुख्यमंत्री बुधवार को नई दिल्ली में एक निजी चैनल से बातचीत कर रहे थे। एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान लंबे समय से घर- परिवार और बच्चों को छोड़कर आंदोलन कर रहे हैं। कई किसानों के साथ अब बच्चे भी सड़क पर आ गए हैं। यह दुखद दौर है, जहां अन्नदाताओं को अपने अधिकार की लड़ाई लडऩी पड़
उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे किसान पंजाब के हों या हरियाणा के या फिर कहीं और के। पूरे देश के किसान एक ही हैं। मुख्यमंत्री ने कमजोर विपक्ष को लेकर आ रही बातों से जुड़े सवाल पर कहा कि इस मामले में विपक्ष को कमजोर ही रहना चाहिए। मौजूदा समय में लोकतंत्र की हत्या का षडय़ंत्र देश में चल रहा है, इसका जवाब देश की जनता दे तो बेहतर होगा।