धर्म परिवर्तन का मामला: मोहम्मद उमर गौतम की संपत्ति की जांच करने आ सकती ईडी, जांच में बड़ा खुलासा
धर्मांतरण के आरोपी मोहम्मद उमर गौतम के जिले में फैले नेटवर्क की जांच के बाद प्रयागराज टीम लौट गई है। हालांकि अब उमर की संपत्ति को खंगालने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम के जिले में आने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। जिले के रहने वाले मोहम्मद उमर गौतम के पकड़े जाने के बाद एटीएस की एक टीम पिछले चार दिनों से जिले में डेरा डाले थी। टीम उमर के बारे में उसके गांव पंथुआ और ससुराल खेसहन समेत अन्य स्थानों से जुड़ी हर जानकारी की गहराई से छानबीन कर रही थी। उमर का जिले में कई जगहों के यहां आने-जाने के साक्षय भी टीम ने जुटाए हैं। इसके बाद एटीएस रविवार की रात प्रयागराज लौटी गई। उमर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया है। उमर के यहां भी कई जगहों पर फंडिंग किए जाने की सूचना टीमों के पास है। उमर की पैतृक संपत्ति भी काफी है। संपत्ति का राज खंगालने के लिए ईडी की टीम कभी भी जिले में आ सकती है।
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आयोग को आज भेजी जा सकती है रिपोर्ट
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की ओर से डीएम और एसपी से नुरुल हुदा इंग्लिश मीडियम स्कूल की रिपोर्ट मांगी गई थी। जिला प्रशासन को तीन दिन का मौका मिला था। प्रशासन आज आयोग को रिपोर्ट भेज सकता है। एसडीएम सदर प्रमोद झा, नाएब तहसीलदार विकास पांडेय, प्रभारी प्रोबेशन अधिकारी राजेश सोनकर, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी मुदित श्रीवास्तव और डीआईओएस महेंद्र प्रताप सिंह की टीम नूरुल हुदा स्कूल की जांच कर रही थी।
टीम ने स्कूल के सभी बच्चों, उनके अभिभावकों, प्रबंध कमेटी और समस्त स्कूल स्टाफ के बयान लिए थे। अब टीम के समस्त अधिकारियों को अपनी-अपनी रिपोर्ट देनी है। आज सभी अधिकारियों की रिपोर्ट एकसाथ जोड़कर डीएम और एसपी अपनी रिपोर्ट बनाएंगे और आयोग को भेज सकते हैं।
उमर के स्कूल कनेक्शन की भूमिका खंगालने पहुंचे अधिकारी
हालांकि मोहम्मद उमर का स्कूल में काफी दिनों से आना-जाना रहा है, इसकी पुष्टि हो चुकी है। धर्मांतरण के आरोप को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान में लेकर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी। जांच करने एसडीएम प्रमोद झा, जिला विद्यालय निरीक्षक महेंद्र सिंह, नायब तहसीलदार विकास पांडेय समेत पांच सदस्यों की टीम रविवार दोपहर दो बजे पहुंची। स्कूल के सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए। स्कूल करीब एक साल से लॉकडाउन के चलते कम ही खुला है। जिसके बाद गेट के सीसीटीवी फुटेज प्रशासन ने सुरक्षित किए हैं। जिससे स्कूल में आने-जाने वालों का पता लग सकेगा।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने जिला प्रशासन से मांगी थी रिपोर्ट
स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाने वाली शिक्षिका कल्पना सिंह के टीम ने बयान लिए। पूछताछ के लिए कक्षा पांच से लेकर इंटर तक के छात्र-छात्राओं को बुलाया गया था। बच्चों के अभिभावक भी पहुंचे थे। उन सभी से टीम ने पूछताछ की और वीडियो बयान दर्ज किया। स्कूल में धर्मांतरण संबंधी होने वाली गतिविधियों के बारे में पूछताछ की। धर्मांतरण के बारे में किसी ने कुछ नहीं बताया। जिला विद्यालय निरीक्षक ने स्कूल की मान्यता संबंधी दस्तावेज लिए हैं। स्कूल की प्रॉपर्टी के कागजात और फंडिंग की जानकारी भी जुटाई। एसडीएम ने बताया कि टीम जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को तैयार कर देगी। इसी के बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को रिपोर्ट भेजी जाएगी।