पानी को तरस रही दिल्ली में सड़कों पर उठीं सियासी लहरें, कांग्रेस-भाजपा का विरोध-प्रदर्शन
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा, पानी की एक-एक बूंद का हो हिसाब भाजपा ने मुख्यमंत्री निवास पर प्रदर्शन किया, दो बेरीकेट तोड़े मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस का प्रदर्शन, बिना बैरीकेड पुलिस ने रोका
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पानी को तरस रही दिल्ली में इसे लेकर सड़कों पर सियासत चल रही है। कांग्रेस-भाजपा ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर हमला बोल दिया है। इस बीच हरियाणा द्वारा यमुना में छोड़ा गया 16 हजार क्यूसेक पानी दिल्ली आ पहुंचा है। पानी तो सुबह ही पहुंच गया बताते हैं लेकिन दिन में इस मसले पर राजनीतिक विरोध-प्रदर्शन होता रहा।
भाजपा ने मांगा हिसाब
प्रदेश भाजपा ने दिल्ली में पेयजल संकट के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके निवास के समक्ष प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपाइयों ने पुलिस के दो बेरीकेट तोड़ दिए, लेकिन पुलिस ने उनको तीसरा बेरीकेट पार नहीं करने दिया। प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पानी की एक-एक बूंद का हिसाब होना चाहिए।
राजधानी में गहराए पेयजल संकट के विरोध में भाजपाई चंदगीराम अखाड़े के पास एकत्रित हुए। इसके बाद उन्होंने दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री निवास पर प्रदर्शन करने के लिए कूच किया। पुलिस ने उनको रोकने के लिए मुख्यमंत्री निवास से पहले तीन लाइन में बेरीकेट लगा रखे थे। भाजपाइयों ने पुलिस के बेरीकेट की दो लाइनों को तोड़ दिया। पुलिस ने उनको बेरीकेट की तीसरी लाइन पार नहीं करने दी। इसके बाद भाजपाइयों ने वहां पर दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी।
इस मौके पर आदेश गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री को दिल्ली की जनता को नल से साफ पानी देने का वायदा पूरा करना होगा। भाजपा केजरीवाल को भागने नहीं देगी और उन्हें उनकी जिम्मेदारियों का एहसास बराबर कराती रहेगी। भाजपा का पानी को लेकर आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक केजरीवाल सभी को साफ पानी देकर जल संकट दूर नहीं कर देते।
प्रदर्शन में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, विधायक अजय महावर, मोहन सिंह बिष्ट, अभय वर्मा और अनिल वाजपेयी समेत प्रदेश भाजपा के नेता हर्ष मल्होत्रा, दिनेश प्रताप सिंह, अशोक गोयल देवराहा, जयवीर राणा, राजन तिवारी, नवीन कुमार जिंदल, इम्प्रीत सिंह बख्शी, जीतेन्द्र महाजन, योगिता सिंह, वासु रुखड़, कौशल मिश्रा, भूपेन्द्र गोठवाल, विनोद सहरावत, संतोष पाल, मोहम्मद हरुन उपस्थित थे।
कांग्रेस ने कहा पानी दो...
बीमारी नहीं पानी दो, दिल्ली को स्वच्छ पानी दो। गहराते जल संकट पर विरोध जताने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री निवास के लिए कूच किया। सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बैरिकेड से पहले ही रोक लिया। प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में शुक्रवार को कांग्रेस कार्यकर्ता सिविल लाइन से मुख्यमंत्री निवास के लिए खाली मटका लेकर रवाना हुए।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आरोप लगाया कि अरविन्द केजरीवाल के 7 वर्षों के कुप्रबंधन और असंवेदनशीलता के कारण दिल्लीवासी पानी के लिए तरस रहे हैं। रोष जताने के लिए कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल के निवास के पास खाली मटकों के साथ प्रदर्शन किया। हाथों में तख्तियां लेकर कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दूसरे राज्यों को भी मुफ्त पानी देने के नाम पर गुमराह करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्लीवालों को हर माह 20,000 लीटर मुफ्त पानी कैसे देंगे जब नलों में ही पानी की आपूर्ति ठीक तरह से नहीं हो रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की शीला सरकार ने दिल्लीवालों पानी मुहैया कराने के लिए हरियाणा सरकार पर दवाब बनाकर दिल्ली में पानी की पर्याप्त आपूर्ति करवाई थी। पानी की किल्लत दूर करने के बजाय दिल्ली-हरियाणा सरकारें राजनीति कर रहें है। उन्होंने मांग की कि दिल्ली सरकार को पानी की किल्लत दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए ताकि लोगों को राहत मिल सके।
हरियाणा से 16 हजार क्यूसेक पानी दिल्ली पहुंचा
हरियाणा से 16 हजार क्यूसेक पानी शुक्रवार को दिल्ली पहुंच गया है। इससे दिल्ली को जल संकट से निजात मिलने की उम्मीद जगी है। इस पर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधा। बकौल चड्ढा, दिल्ली वालों का संघर्ष सफल हो गया है। दिल्ली के हक का पानी रोकने के मामले में हरियाणा सरकार के असली चेहरे का पर्दाफाश हुआ है।चड्ढा ने हरियाणा से दिल्ली पानी पहुंचने पर वजीराबाद बैराज का निरीक्षण भी किया।
राघव चड्ढा ने हरियाणा से पानी मिलने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आखिरकार हरियाणा सरकार से दिल्ली वालों के हक का पानी ले ही लिया है। दरअसल हरियाणा के पानी रोकने पर नदी में पानी का स्तर बहुत कम हो गया था और दिल्ली वालों का गला भी सूख गया था।