यूपी: सस्ती व मुफ्त बिजली पर बहस हो, उपभोक्ता परिषद ने राजनीतिक दलों से की अपील
परिषद का कहना है कि जनता के बीच बहस से ही साफ हो सकता है कि राजनीतिक दल चुनाव में मुफ्त व सस्ती बिजली के वादे के प्रति कितना गंभीर हैं और इसके लिए उनकी योजना क्या होगी?
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राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विधानसभा चुनाव से पहले सस्ती और मुफ्त बिजली को मुद्दा बनाने की कोशिश में जुटे सियासी दलों से इस पर बहस आयोजित करने की अपील की है। परिषद का कहना है कि जनता के बीच बहस से ही साफ हो सकता है कि राजनीतिक दल चुनाव में मुफ्त व सस्ती बिजली के वादे के प्रति कितना गंभीर हैं और इसके लिए उनकी योजना क्या होगी?
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि जब राजनीतिक दल सत्ता में होते हैं तो उनका रुख अलग रहता है और विपक्ष में आते ही जुबान बदल जाती है। उपभोक्ता परिषद प्रदेश में बीते 25 साल में विभिन्न दलों की सरकारों द्वारा बिजली को लेकर किए गए वादों और उन पर अमल का पूरा लेखा-जोखा तैयार करा रहा है।
विधानसभा चुनाव के पहले इसे सार्वजनिक कर उपभोक्ताओं को बताया जाएगा कि किस दल की सरकार में उपभोक्ताओं के लिए क्या हुआ? इससे उपभोक्ताओं को बिजली के मुद्दे पर सभी पार्टियों की नीति के बारे में पता चल सकेगा और वे अपने जनप्रतिनिधियों से सीधा सवाल कर सकेंगे।
वर्मा ने कहा परिषद जल्द ही सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और सम्मेलनों के जरिये बिजली उपभोक्ताओं को जागरूक करने का अभियान शुरू करेगा। परिषद लोगों को बताएगा कि किस दल की सरकार ने उपभोक्ताओं के हित में क्या किया?
इस चुनाव के संदर्भ में उनके वादे कितने जमीनी या हवा हवाई हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को बहस में शामिल होकर बताना चाहिए सस्ती और मुफ्त बिजली देने के लिए उनके पास कौन सी जादुई छड़ी है।