वैक्सीन भेजने पर ब्राजीली राष्ट्रपति ने हनुमान जी की फोटो शेयर कर कहा धन्यवाद, पीएम मोदी ने दिया जवाब
भारत के वैक्सीन भेजने पर ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने ट्वीट करके भारत का आभार जताया। अब पीएम मोदी ने उनके ट्वीट का जवाब दिया है और कहा है कि स्वास्थ्य सेवा पर अपने सहयोग को मजबूत करना जारी रखेंगे।
कोरोना संक्रमण के संकट से निपटने के लिए दुनिया के अन्य देशों की मदद के लिए भारत आगे आया है। इसके मद्देनजर दूसरे देशों को कोरोना वैक्सीन भेजी जा रही है। इससे खुश होकर ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोललसोनारो ने ट्वीट करके भारत का आभार जताया। उन्होंने भगवान हनुमान की संजीवनी बूटी ले जाते हुए फोटो ट्वीट की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत का आभार जताया। अब पीएम मोदी ने उनके ट्वीट का जवाब दिया है और कहा है कि स्वास्थ्य सेवा पर अपने सहयोग को मजबूत करना जारी रखेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा कि राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि हम कोरोना महामारी से एक साथ लड़ने में ब्राजील के एक विश्वसनीय भागीदार हैं। हम स्वास्थ्य सेवा पर अपने सहयोग को मजबूत करना जारी रखेंगे। इससे पहले ब्राजीली राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने ट्वीट करके कहा कि नमस्कार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। वैश्विक बाधा को दूर करने के प्रयासों में शामिल एक महान भागीदार को पाकर ब्राजील सम्मानित महसूस कर रहा है। भारत से ब्राजील में टीकों के निर्यात कर हमारी सहायता करने के लिए धन्यवाद। उन्होंने हिंदी में भी धन्यवाद लिखा और आभार जताया।
दो करोड़ खुराक लेकर एक विमान शनिवार को ब्राजील पहुंचा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जानकारी दी है कि भारत में बनी वैक्सीन की 20 लाख खुराक लेकर एक विमान शनिवार को ब्राजील पहुंचा। जयशंकर ने ट्वीट किया, 'विश्व के फार्मेसी पर भरोसा करें। मेड इन इंडिया के टीके ब्राजील पहुंचा।' भारत ने शुक्रवार को कोविशिल्ड टीकों की दो मिलियन खुराक ब्राजील भेजी। कोविशिल्ड को एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित किया गया है और इसका निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है।
पड़ोसी देशों में कोरोना टीकों की आपूर्ति
पिछले कुछ दिनों में, भारत ने देश में निर्मित कोरोना टीकों की आपूर्ति भूटान, मालदीव, नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश सहित पड़ोसी देशों में की है। कोविशिल्ड वैक्सीन की बड़ी खेप शुक्रवार को एक विशेष भारतीय विमान में सेशेल्स, मॉरीशस और म्यांमार के लिए रवाना की गई। सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, मोरक्को, बांग्लादेश और म्यांमार को भी अनुबंधित आपूर्ति की जा रही है।