'फूलन देवी' ने दिलाई पहचान; बिहार से बिना टिकट दिल्ली पहुंचे, जानिए मनोज बाजपेयी के ऐसे ही कुछ किस्से!
पटना, ऑनलाइन डेस्क। Manoj Bajpayee Birthday Special: बॉलीवुड में अपने अभिनय का सिक्का जमा चुके मनोज बाजपेयी बिहार की मेधा का शानदार उदाहरण हैं। हिंदी सिनेमा में बिहार के जिन तमाम कलाकारों ने अपनी छाप छोड़ी है, उनमें मनोज का स्थान बेहद खास है।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। Manoj Bajpayee Birthday Special: बॉलीवुड में अपने अभिनय का सिक्का जमा चुके मनोज बाजपेयी बिहार की मेधा का शानदार उदाहरण हैं। हिंदी सिनेमा में बिहार के जिन तमाम कलाकारों ने अपनी छाप छोड़ी है, उनमें मनोज का स्थान बेहद खास है। पश्चिमी चंपारण (बेतिया) के एक छोटे से गांव के मामूली किसान के घर जन्मे मनोज कड़े संघर्ष की बदौलत आज कामयाबी के शीर्ष पर पहुंचे हैं। आज उनका जन्मदिन है। इस मौके पर हम आपको उनसे जुड़ी कई खास बताने जा रहे हैं। अगर आप भी उनके जीवन के अनछुए पहलुओं को जानना चाहते हैं तो स्टोरी के अंत तक बने रहें।
मनोज ने हिंदी फिल्मों की अभिनेत्री शबाना रजा से शादी की। अब उन्हें नेहा या नेहा बाजपेयी के नाम से जाना जाता है। शबाना ने 1998 में 'करीब' फिल्म से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। उन्होंने बाद में आत्मा, मुस्कान, अहसास और एसिड फैक्ट्री जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया। खास बात यह है कि शबाना का जन्मदिन भी अभी चार दिन पहले ही गुजरा है।
आठ साल की करीबियों को दिया शादी का रूप
मनोज और शबाना 1998 में ही करीब आए। इसी साल शबाना की पहली फिल्म रिलीज हुई थी। दोनों आठ साल तक एक-दूसरे को जानते-समझते और करीब आते गए। हालांकि काफी दिनों तक दोनों के अफेयर की खबर किसी को नहीं हुई। 2006 में शबाना और मनोज की शादी हुई। 2011 में इन्हें एक बच्ची हुई।
झोपड़ी वाले स्कूल में हुई थी शुरुआती पढ़ाई
मनोज की शुरुआती पढ़ाई उनके पैतृक पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज के नजदीक बेलवा बहुअरी में हुई थी। यहां वे जिस स्कूल में पढ़ने जाते थे, वह झोपड़ी वाला था। बाद में उनकी पढ़ाई जिला मुख्यालय बेतिया के एक स्कूल से हुई। कॉलेज की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली चले गए। पहली बार वे बिना टिकट रेल से दिल्ली गए थे।
मशहूर अभिनेता मनोज कुमार के नाम पर नामकरण
मनोज बाजपेयी का नामकरण हिंदी फिल्मों के मशहूर अभिनेता मनोज कुमार के नाम पर हुआ था। बचपन से ही उन्हें फिल्मों में काम करने का शौक था। अमिताभ बच्चन की ब्लॉक बस्टर फिल्म 'जंजीर' को देखने के बाद उन्होंने फैसला कर लिया कि वे अभिनेता ही बनेंगे।
नेशनल ड्रामा स्कूल में तीन बार फेल हो चुका यह अभिनेता
मनोज ने दिल्ली आने के बाद प्रतिष्ठित नेशनल ड्रामा स्कूल में दाखिले के लिए कोशिशें शुरू की। ऐसी कोशिशों में वे तीन बार फेल हुए। रील लाइफ में उनकी इंट्री 'दूरदर्शन' पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक 'स्वाभिमान' के साथ हुई। बड़े पर्दे पर उन्हें पहला मौका दस्यु सुंदरी फूलन देवी के जीवन पर बनी फिल्म 'बैंडिट क्वीन' में मिला। इस फिल्म में उन्होंने फूलन के सहयोगी डाकू का रोल किया।
इनमें से कई चीजें नहीं जानते होंगे आप
- मनोज का जन्म 23 अप्रैल 1969 को हुआ था। वह राष्ट्रीय स्तर के कई अवार्ड जीत चुके हैं।
- मनोज दो शादियां कर चुके हैं। उनकी पहली पत्नी से तलाक हो गया था। उनकी पहली शादी दो महीने भी नहीं चली थी। यह तब की बात है जब मनोज संघर्ष के दौर से गुजर रहे थे।
- एनएसडी में मनोज को चौथे प्रयास में इंट्री मिली, लेकिन प्रशिक्षु के तौर पर नहीं, बल्कि प्रशिक्षक के तौर पर।
- वह पश्चिम बंगाल का छउ नृत्य सीख चुके हैं।
- उनके पिता एक किसान और माता गृहिणी थीं। दिल्ली में पढ़ाई के लिए उन्हें घर से हर माह 200 रुपए मिलते थे।