रांची के VIP इलाके में IAS बनकर रह रही युवती गिरफ्तार, यह बताया फर्जी अफसर बनने का कारण
रांची में अरगोड़ा थाने की पुलिस ने अशोक नगर कॉलोनी से एक फर्जी महिला आईएएस को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार महिला का नाम मोनिका है और वह मध्य प्रदेश के कटनी जिले के बड़वाराकला की रहने वाली है। उसने वीवीआईपी इलाके में शुमार अशोक नगर कॉलोनी में खुद को आईएएस अधिकारी बताकर किराए पर मकान लिया था। उसने न सिर्फ घर के बाहर असिस्टेंट कलक्टर का नेम प्लेट लगा रखा था, बल्कि घर पर बॉडीगार्ड, सरकारी कार और रसोईया को भी रखा था। इससे लोगों को यह लगे कि वह आईएएस अधिकारी है।
उसने अपने मकान मालिक व पड़ोसियों को यह बताया था कि वह जमशेदपुर में असिस्टेंट कलक्टर के रूप में पदस्थापित है। कुछ दिनों से वह लगातार घर पर ही रह रही थी। पूछने पर वह बताती थी कि वह छुट्टी पर है। मकान मालिक डॉ डीके राय को संदेह हुआ तो उन्होंने अरगोड़ा पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने जब मामले की तफ्तीश की तो पता चला कि महिला फर्जी है। इसके बाद महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने जब महिला से थाने में पूछताछ की तो मामले का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस आरोपी महिला को जेल भेजने की तैयारी कर रही है।
पुलिस ने दो दिन की रेकी, तब फर्जी महिला का खुला राज
डीके राय ने अरगोड़ा पुलिस को यह सूचना दी कि उनके मकान में भारतीय प्रशासनिक सेवा 2020 बैच की अधिकारी बनकर युवती ने उनका मकान किराए पर लिया है। लेकिन वह अधिकारी नहीं लग रही है। उसका आचरण संदिग्ध है। जानकारी मिलने पर अरगोड़ा थाना प्रभारी ने अपने वरीय अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी। फिर मामले की जांच शुरू कर दी। दो दिन पुलिस की रेकी करने पर यह साबित हो गया कि मोनिका आईएएस नहीं है, बल्कि आईएएस अफसर बनने का ढोंग कर रही है। इसके बाद पुलिस की टीम महिला पुलिसकर्मियों के संग मोनिका के घर पहुंच गई। पुलिस को देखकर मोनिका सकपका गई। जब पुलिसकर्मियों ने उससे पूछा कि आपकी पोस्टिंग कहां है तो उसने बताया कि वह 2020 बैच की आईएएस अधिकारी है और वर्तमान में असिस्टेंट कलक्टर के रूप में जमशेदपुर में पदस्थापित है। पुलिस ने उससे आइडी कार्ड और अन्य प्रमाण पत्र मांगे, लेकिन उसने कुछ नहीं दिखाया। पुलिस की दबिश की वजह से मोनिका टूट गई और उसने फर्जी होने का राज खोला।
फर्जी लेटर पैड व आइकार्ड बरामद
पुलिस के अनुसार आरोपी मोनिका ने किराए के मकान के गेट पर भी आईएएस का बोर्ड लगा रखा था। उसने अपने साथ रिटायर्ड आर्मी जवान शशि उरांव को बॉर्डीगार्ड के रूप में रखा था, जबकि कोकर आदर्श नगर निवासी राकेश कुमार को चालक के रूप में। नगड़ी निवासी राधा देवी को रसोइया के रूप में अपने घर में रख रही थी। मोनिका के पास से झारखंड सरकार का फर्जी लोगो, डिप्टी कलक्टर का फर्जी लेटर पैड बरामद किया गया है। इसके अलावा उसने आईएएस अधिकारी का फर्जी आईकार्ड भी बनवा रखा था, जिसे पुलिस ने बरामद कर फेंक दिया।
ठसक दिखाने के लिए बनी फर्जी आईएएस
गिरफ्तार मोनिका ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में आईएएस की तैयारी करा रही थी। वह अपने रिश्तेदारों को ठसक दिखाने के लिए आईएएस अफसर बनकर घूमती थी, ताकि रिश्तेदारों को यह लगे कि वह एक अधिकारी है। हालांकि पुलिस उसके फर्जी आईएएस बनकर घूमने की मंशा का पता लगा रही है। मोनिका ने जिस बॉडीगार्ड और ड्राइवर को अपने साथ रखा था, उन्हें भी यह पता नहीं था कि वह फर्जी आईएएस अधिकारी है। दोनों ने पुलिस के सामने यह बयान दिया है कि उन्हें एक आईएएस अधिकारी के तौर पर फोन किया गया था, जिसके बाद दोनों ने नौकरी ज्वाइन किया था। फिलहाल बॉडीगार्ड और ड्राइवर दोनों पुलिस के गवाह बन गए हैं।