जानें, भारत सहित दुनियाभर में नर्सों की संख्या और स्थिति, कोरोना-काल में और महत्वपूर्ण हो गई इनकी भूमिका

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में यह आंकड़ा जर्मनी की तुलना में कम है। अमेरिका और आस्ट्रेलिया में एक हजार लोगों पर 11.7 नर्सें हैं। इटली और स्पेन में नर्सों की संख्या प्रति हजार क्रमश 6.7 और 5.7 है। चीन में यह संख्या 2.7 है। वहीं भारत में यह संख्या 1.5 है।

जानें, भारत सहित दुनियाभर में नर्सों की संख्या और स्थिति, कोरोना-काल में और महत्वपूर्ण हो गई इनकी भूमिका

पिछले एक साल से अधिक समय में हेल्थ प्रोफेशनल्स ने जिस शिद्दत से आम लोगों की सेवा की है, वह काबिलेतारीफ है। इससे साफ है कि किसी भी देश की तरक्की में स्वास्थ्य-कर्मियों की बड़ी भूमिका होती है। इस क्रम में बड़ा योगदान डॉक्टरों के साथ नर्सों का भी है। कुछ देशों में मेडिकल-कर्मियों की संख्या काफी बड़ी है, तो कुछ देशों में कम। ओईसीडी के डाटा के अनुसार, दुनिया में जर्मनी में नर्सों की स्थिति काफी बेहतर है। यहां पर एक हजार लोगों पर नर्सों की संख्या 12.9 है।

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में यह आंकड़ा जर्मनी की तुलना में कम है। अमेरिका और आस्ट्रेलिया में एक हजार लोगों पर 11.7 नर्सें हैं। इटली और स्पेन में नर्सों की संख्या प्रति हजार क्रमश: 6.7 और 5.7 है। चीन में यह संख्या 2.7 है। वहीं, भारत में यह संख्या 1.5 है। इसी तरह ब्रिटेन में प्रति हजार लोगों पर नर्सों की संख्या 7.8 और दक्षिण कोरिया में 6.9 है।

ये आया था डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय नर्स परिषद और और ‘नर्सिंग नाउ कैंपेन’ द्वारा स्टेट ऑफ द वर्ल्ड नामक एक रिपोर्ट 2020 में जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में वैश्विक स्तर पर नर्सों का अनुपात प्रति हजार लोगों पर लगभग 36.9 है। इस रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीकी महाद्वीप की तुलना में अमेरिकी महाद्वीप में नर्सों की संख्या 10 गुना अधिक है। नर्सों की सबसे ज्‍यादा कमी अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में देखने को मिली है।'

WHO की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में नर्सों की संख्या 15.6 लाख और सहायक नर्सों की संख्या लगभग 7.72 लाख थी। इनमें से पेशेवर नर्सों की हिस्सेदारी 67% है और भारत में प्रतिवर्ष लगभग 3,22,827 ऐसे छात्र नर्सिंग में स्नातक पूरा करते हैं, जिन्होंने कम-से-कम चार वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले लोगों में नर्सों की हिस्सेदारी सबसे अधिक 47%, डॉक्टर (23.3%), दंतचिकित्सक 5.5% और फार्मासिस्ट 24.1% है। हर 8 नर्सों में से 1 नर्स देश के अलावा उस देश में प्रैक्टिस करती है, जहाँ उनका जन्म हुआ है या जहां उसने प्रशिक्षण लिया है।

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि नर्सों की कमी का सामना करने वाले देशों को प्रति वर्ष औसतन 8 प्रतिशत नर्सों की संख्या बढ़ानी होगी, इससे प्रति वर्ष लगभग 10 डॉलर प्रति व्यक्ति ही खर्च होगा। इस रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने सभी से नर्सिंग एवं मिडवाइफ-कर्मियों को सशक्त बनाने में सहयोग देने का आह्वान किया, ताकि हर जगह और सभी लोगों को जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकें।