पेपरलेस कार्य प्रणाली के गुर सीखेंगे UP के MLA और MLC , तीन दिन NIC के एक्सपर्ट देंगे टिप्स
उत्तर प्रदेश के माननीयों के लिए तीन दिन तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्हें टैबलेट के जरिये अपने क्षेत्र की समस्याओं को आगे बढ़ाने से लेकर विधान सभा और विधान परिषद में सवाल पूछने की प्रक्रिया तक को पेपरलेस करने की जानकारी दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश के माननीय अब पेपरलेस कार्य प्रणाली के गुर सीखेंगे। अप्लीकेशन डाउनलोड करने की ट्रेनिंग लेंगे। आनलाइन वर्कशाप और मीटिंग के बारे में जानेंगे। डाटा सीट का संचालन सीखेंगे। योगी सरकार प्रदेश के सभी एमएलए और एमएलसी के लिए पाठशाला सजाने जा रही है। 11 से 13 फरवरी तक चलने वाली इस पाठशाला में एनआइसी के एक्सपर्ट विधायकों को पेपरलेस कार्य प्रणाली के टिप्स देंगे।
उत्तर प्रदेश के माननीयों के लिए तीन दिन तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्हें टैबलेट के जरिये अपने क्षेत्र की समस्याओं को आगे बढ़ाने से लेकर विधान सभा और विधान परिषद में सवाल पूछने की प्रक्रिया तक को पेपरलेस करने की जानकारी दी जाएगी। विधायकों को अपने टैबलेट के जरिये ही पुलिस, प्रशासन और सरकार के साथ संवाद करने की पूरी प्रक्रिया सिखाई जाएगी। ट्रेनिंग से पहले सभी विधायकों को राज्य सरकार की ओर से टेबलेट दिया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया पर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नजर रखेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस' के मंत्र पर आगे बढ़ते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट समेत सरकार के सभी काम टैबलेट पर आनलाइन करने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने प्रदेश मंत्रिपरिषद की अगली बैठक ई-कैबिनेट के रूप होने का निर्देश भी कर दिया है। कैबिनेट और सरकार का कामकाज पेपरलेस करने की प्रक्रिया की शुरुआत मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर मंत्रियों के प्रशिक्षण से हो गई है। अगले दो से तीन दिनों में इसे पूरा कर लिया जाएगा। मंत्रियों और विधायकों के निजी स्टाफ को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। सरकार की कार्यप्रणाली को पेपरलेस करने के पीछे योगी सरकार की मंशा समय की बचत के साथ व्यवस्था को पूरी तरह पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है।