बिहारः त्रिस्तरीय पंचायतों में जहां मुखिया, प्रमुख व जिला परिषद अध्यक्ष नहीं, वहां उनको सौंपी गई कमान
त्रिस्तरीय पंचायतें जहां मुखिया प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष नहीं हैं वहां 16 जून से परामर्शी समिति के अध्यक्ष की कमान उप मुखिया उप प्रमुख और जिला परिषद के उपाध्यक्ष संभालेंगे। इसी तरह ऐसी ग्राम कचहरी जहां सरपंच नहीं हैं वहां परामर्शी समिति की कमान उप सरपंच के जिम्मे होगी।
बिहार की ऐसी त्रिस्तरीय पंचायतें, जहां मुखिया, प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष नहीं हैं, वहां 16 जून से परामर्शी समिति के अध्यक्ष की कमान क्रमश: उप मुखिया, उप प्रमुख और जिला परिषद के उपाध्यक्ष संभालेंगे। इसी तरह ऐसी ग्राम कचहरी जहां सरपंच नहीं हैं, वहां परामर्शी समिति की कमान उप सरपंच के जिम्मे होगी।
विकल्प कमान संभालेंगे, विभाग ने किया स्पष्ट
पंचायती राज विभाग ने इसे स्पष्ट कर दिया है। कहा गया है कि पंचायती राज संस्थाओं के संचालन के लिए गठित होने वाली परामर्शी समिति के लिए मुखिया, सरपंच, प्रमुख व जिला परिषद अध्यक्ष के नहीं रहने की स्थिति में विकल्प कमान संभालेंगे। विकल्प से तात्पर्य यह है कि उप मुखिया, उप सरपंच, उप प्रमुख और उप जिला परिषद अध्यक्ष को यह जिम्मेदारी दी गई है।
स्थानीय प्राधिकार चुनाव में नहीं होगा मतदान का अधिकार
अहम यह है कि विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकार चुनाव में परामर्शी समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष से लेकर सदस्य तक को मतदान का अधिकार नहीं होगा। ऐसे में यह तय है कि अगले छह महीने तक स्थानीय प्राधिकार कोटे से विधान परिषद के लिए चुनाव संभव नहीं है।
यहां नहीं बनेगी परामर्शी समिति
तीन सौ ऐसी पंचायतें और ग्राम कचहरियां जो नगर निकायों में शामिल हो गई है, वहां परामर्शी समिति नहीं बनेगी। दरअसल, नगर पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम क्षेत्र में तीन सौ पंचायतें शामिल हो गई हंै। ऐसी स्थिति में सरकार ने निर्णय लिया है कि संबंधित क्षेत्र में परामर्शी समिति बनाने की मंजूरी नहीं दी गई है। इसके साथ ही नगर निकाय क्षेत्र में शामिल त्रिस्तरीय पंचायतों और ग्राम कचहरियों के जन-प्रतिनिधियों के मानदेय और भत्ते का भुगतान भी 16 जून से बंद हो जाएगा। फिलहाल नये नियम के अनुसार जहां मुखिया, प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष नहीं हैं, वहां 16 जून से परामर्शी समिति के अध्यक्ष की कमान क्रमश: उप मुखिया, उप प्रमुख और जिला परिषद के उपाध्यक्ष संभालेंगे।