मनीष सिसोदिया बोले- जो राजनीतिक दल किसानों का साथ नहीं दे रहे, वह हैं असली गद्दार
पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन के चलते दिल्ली-एनसीआर के 60000 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो चुका है। कई लोगों की नौकरी जा चुकी है।
तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों की रद करने की मांग को लेकर जहां सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को किसानों का विरोध प्रदर्शन 65वें दिन में प्रवेश कर गया है। यूपी गेट पहुंचे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सिख कौम कट्टर देशभक्त है और उसे बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पानी की सुविधा रात को ही उपलब्ध करवा दी गई थी। साथ ही कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा की जांच की जानी चाहिए। भाजपा के लोग किसानों को बदनाम कर रहे हैं। पुलिस को जांच करनी चाहिए कि 26 जनवरी को किसानों को किसने भड़काया? मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार किसानों के साथ है। जो लोग किसानों का विरोध कर रहे हैं वह भाजपा के लोग हैं।
वहीं यूपी बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदर्शनकारियों ने मोर्चा संभाल लिया है और वह किसानों के साथ धरने पर बैठे हैं। शुक्रवार को जारी धरने के बीच राकेश टिकैत ने अहम बयान में कहा है कि हम यह जगह खाली नहीं करेंगे। हम अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार से बात करेंगे और अपना पक्ष रखेंगे। साथ ही राकेश टिकैत ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें। इसी बीच राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व सांसद जयंत चौधरी भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने राकेश टिकैत से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि प्रशासन पर किसानों का हटाने के लिए दबाव है, लेकिन प्रदर्शनकारी जगह खाली नहीं करेंगे। इस मुद्दे को संसद में उठाया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों के मुद्दे पर बोलना चाहिए।
- उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग ने शुक्रवार सुबह गाजीपुर बॉर्डर पर जमा किसानों के लिए बिजली आपूर्ति बहाल कर दी। बताया जा रहा है कि विभाग की ओर से यह चुपचाप किया गया है।
- यूपी गेट पर चल रहे किसान आंदोलन में सुबह से ही किसान नारेबाजी कर रहे हैं। वहीं, सुबह से ही भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है। किसान नेता मंच से सभी को धरना स्थल पर आने की अपील कर रहे हैं। शुक्रवार को किसान आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रीय लोक दल कई नेता भी पहुंचेंगे।
- उधर, टीकरी बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैतान हैं, जबकि दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर बंद करने के साथ कई जगहों पर रूट डायवर्जन कर दिया है। पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन के चलते दिल्ली-एनसीआर के 60,000 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो चुका है। कई लोगों की नौकरी जा चुकी है।
- इससे पहले गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए उपद्रव के बाद गाजियाबाद जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए यूपी गेट पर प्रदर्शनकारी किसानों को धरनास्थल को खाली करने का आदेश दिया है, लेकिन शुक्रवार सुबह से हालात जस के तस हैं।
- नोटिस के बाद गिरफ्तारी के लिए तैयार भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने धरनास्थल छोड़ने से इन्कार कर दिया है। उन्होंने कहा कि कोई किसान अपनी जगह से नहीं जाएगा। राकेश टिकैत ने यूपी गेट पर ही अनशन की चेतावनी दी है। मीडिया से बात करते वक्त वह रो भी पड़े। कहा-कृषि कानून रद न किए गए तो वह आत्महत्या कर लेंगे।
उधर, यूपी गेट पर चल रहे धरने को उठाने से संबंधित बयान देने के चंद घंटे बाद ही छोटे भाई चौधरी राकेश टिकैत के आंसू देख भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने सुर बदल लिए। गुरुवार को दिन में गाजीपुर बार्डर से धरना उठाने की बात कहने वाले चौधरी नरेश टिकैत ने रात को मुजफ्फरनगर के सिसौली में किसान पंचायत बुलाई और एलान किया कि शुक्रवार को अगला निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने चेताया था कि कि रात में यूपी गेट पर कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। बगैर जांच पूरी हुए यदि गिरफ्तारी की गई तो हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कानून हाथ में लेने के लिए मजबूर कर रही है।