विश्व पर्यावरण दिवस : मुस्कुराइए कि दिल्ली में जैव विविधता पार्क हैं.

पार्कों के नजदीकी इलाकों में भूजल स्तर बेहतर होने के साथ गुणवत्ता भी सुधरी तुलनात्मक रूप से दूसरे इलाकों से तापमान कम होने के साथ हवा में प्रदूषकों की मात्रा भी रहती है कम विशेषज्ञों के साथ सबसे पुराने व विकसित यमुना बॉयोडायवर्सिटी पार्क के नजदीक रहने वाले लोगों ने किया स्वीकार, पार्क से जीवन की गुणवत्ता हुई बेहतर

विश्व पर्यावरण दिवस : मुस्कुराइए कि दिल्ली में जैव विविधता पार्क हैं.

विस्तार
दिल्ली की दमघोंटू हवा, चिलचिलाती धूप व कड़ाके की ठंड भरा मौसम, बारिश के दिनों को छोड़ साल भर काली पड़ी रहने वाली यमुना नदी। इस सबके बीच पारिस्थितिक तंत्र को दोबारा विकसित करने की रोशनी दिल्ली के जैव विविधता पार्कों से मिल सकती है। सनद रहे कि विश्व पर्यावरण दिवस की थीम भी यही है।


तकरीबन 900 हेक्टेयर में विकसित सात जैव विविधता पार्क अपने स्तर पर दिल्ली की खूबसूरती तो बढ़ा ही रहे हैं, इन सबने अपने इलाके में हवा और पानी की भी गुणवत्ता बेहतर की है। इसकी कहानी पार्क के आसपास में रिहायश में आसानी से सुनी भी जा सकती है। खासतौर से सबसे पुराने और विकसित यमुना जैव विविधता पार्क से, जहां के नजदीक रहने वाले लोग अपनी जीवन की गुणवत्ता में आए बदलाव को महसूस भी कर रहे हैं। अमर उजाला की विस्तृत रिपोर्ट:-


साफ-सुथरा होने के साथ भूजल आया ऊपर
यमुना बॉयोडायवर्सिटी पार्क से नजदीकी इलाकों का भूजलस्तर तो सुधरा ही है, इसकी गुणवत्ता भी अच्छी हुई है। जमीन के अंदर पानी भरने से प्रदूषकों की मात्रा कम हुई है। पार्क के नजदीक की बाबा कोलोनी निवासी आमोद मिश्रा की मानें तो पहले 120 फिट नीचे पानी मिलना मुश्किल होता था, लेकिन बीते कुछ सालों से इसका स्तर 50 फिट तक हो गया है। यही नहीं, पहले लगातार नल के पानी से धुले जाने वाले कपड़े नीले पड़ जाते थे, लेकिन अब यह दिक्कत नहीं होती। इस बीच बदला कुछ नहीं, सिर्फ यमुना बॉयोडायवर्सिटी पार्क के विकसित होने के। 

दूसरी तरफ संगम विहार आरडब्ल्यूए के प्रधान मोहम्मद रफिउर रहमान बताते हैं कि 1991 से जब से रिहायश है, पहले पानी खारा होता था, लेकिन अब मीठापन आ गया है। वहीं, वजीराबाद के सुंदर डांगी का मानना है कि हर दिन मिंटो रोड स्थित अपने दफ्तर से लौटते वक्त जैसे ही रिंग रोड को पार करता हूं, गरमी अपने आप कम लगने लगती है। यही नहीं, हवा भी साफ-सुथरी मिलने लगती है।

एयर क्वालिटी भी हुई बेहतर
पार्क ने आस-पास की हवा में भी तरोताजगी भरी है। दिल्ली के दूसरे इलाकों की तुलना में यहां की आबोहवा ज्यादा बेहतर हुई है। इसकी परख करने के लिए कुछ महीने पहले एक प्राथमिक अध्ययन किया गया था। अध्ययनकर्ताओं ने एक वायु गुणवत्ता मापक पार्क में लगाया, जबकि दूसरा इसके नजदीकी इलाके जहांगीरपुरी में। 

इस दौरान देखा गया कि जिस वक्त जहांगीरपुरी का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ज्यादा था, उस समय पार्क का मीटर 100 के आस-पास टिका रहा। मतलब, दोनों जगहों की वायु की गुणवत्ता में चार गुना का फर्क आ रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस पर बड़े स्तर के अध्ययन की जरूरत है। ऐसा होने की सूरत में दिल्ली और दूसरे मेट्रो शहरों के लिए बॉयोडायवर्सिटी पार्क की अहमियत अपने आप साबित हो जाएगी।
नुकसानदेह वायरस को अपने भीतर समेटने में सक्षम है बॉयोडायवर्सिटी पार्क- फैय्याज खुदसर
साधारण इको सिस्टम की तुलना में एक जटिल इको सिस्टम वायरस समेत दूसरे नुकसानदेह कीटों को अपने में समेट लेता है। यमुना बॉयोडायवर्सिटी पार्क के इंचार्ज व वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट फैय्याज खुदसर के मुताबिक, इको सिस्टम अगर बेहद सामान्य है तो नुकसानदेह वायरस अपने होस्ट की तलाश में बाहर निकल जाते हैं। वह जीव-जंतुओं से होकर इंसानी बस्तियों तक पहुंच जाता है। इसके उलट यमुना बॉयोडायवर्सिटी जैसे जटिल पारिस्थितिकीय तंत्र से, जहां की खाद्य श्रृंखला पूरी हो गई है; नुकसानदेह वायरस बाहर नहीं निकलते। उनकी सारी जरूरतें पार्क के अंदर ही पूरी हो जाती हैं और वह इंसानों को संक्रमित नहीं कर पाते।

माइक्रोवियल बॉयोम विकसित करने में होता सहायक
वैश्विक अध्ययनों से पता चलता है कि ऐसी जगहों पर, जहां जीव-जंतुओं व पेड़-पौधों में विविधता होती है, घूमने वाल़ो के शरीर का माइक्रोवियल बॉयोम अच्छा होता है। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली तुलनात्मक रूप से बेहतर होती है। इस तरह के लोगों में अमूमन गंभीर बीमारियां नहीं होती हैं। और उनका स्वास्थ्य बजट सीमित हो जाता है।

दिल्ली के सात बॉयोडायवर्सिटी पार्क, 921 हेक्टेयर में फैली हरियाली
    पार्क                                   क्षेत्रफल (हेक्टेयर में)    
 यमुना बॉयोडायवर्सिटी पार्क                184
नीला हौज                                        03
तिलपल वैली                                    70
अरावली                                         280
कमला नेहरू रिज                            87
तुगलकाबाद                                   130
कालिंदी कुंज                                   167