कुमकुम बोली 'यस सर'... तो चौंक गए पीएम मोदी, ऐसे जीता लोगों का दिल
यह प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) के लाभार्थियों से प्रधानमंत्री की वीडियो कांफ्रेसिंग का कार्यक्रम था। प्रधानमंत्री से वार्ता के लिए जिन पांच जिलों का चयन किया गया था उसमें अयोध्या भी शामिल था। कार्यक्रम कुमकुम के निर्माणाधीन आवास के सामने आयोजित था। उसे पहली कतार में बिठाया गया था।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बुधवार को प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों को किस्त जारी करते हुए उनसे संवाद भी किया। वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के माध्यम से हुई इस बातचीत में अयोध्या की लाभार्थी कुमकुम के 'यस सर' ने पीएम नरेंद्र मोदी को चौंका दिया। अयोध्या के ब्लॉक मसौधा की ग्राम पंचायत मुमताजनगर की लाभार्थी से 'यस सर' सुन प्रधानमंत्री ने उससे तुरंत ही पढ़ाई के बारे में पूछ लिया। जवाब मिला आठ तक तो वह चौंके। पीएम 'यस सर' के बारे में आगे कोई सवाल करते कि वह बोली कि जिस विद्यालय में नौकरी करती है, वहां यस सर बोला जाता है। प्रधानमंत्री से कुमकुम की वार्ता बमुश्किल दो मिनट की रही। कुमकुम ने कहा कि किस्त मिलने के बाद दीवार उठ गई है। प्रधान के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिला।
आवास के लिए किसी को पैसे तो नहीं देने पड़े, पूछा सवाल
लखीमपुर सदर ब्लॉक की ग्राम पंचायत के केशवापुर गुरेला के लाभार्थी नन्हें ङ्क्षसह से प्रधानमंत्री ने दो मिनट से ज्यादा बात की। पीएम ने सीधे पूछा कि नन्हें आपने कभी सोचा था कि ऐसे आपको पैसे मिल जाएंगे और सरकार आपका घर बनवाएगी। पीएम ने नन्हें से उसके परिवार का हाल-चाल भी पूछा। पीएम से बात करते हुए नन्हें इतना खुश हो गया कि उसने मोदी से कहा कि वह जब तक जीएं, प्रधानमंत्री बने रहें। पीएम ने पूछा कि आवास के लिए आपको किसी को पैसे तो नहीं देने पड़े? नन्हे ङ्क्षसह ने ना में जवाब दिया।
सहारनपुर की महिला लाभार्थी बाला देवी विकासखंड बलियाखेड़ी के गांव चुनहैटी गाड़ा की रहने वाली हैैं। उन्होंने इस मौके पर भावुक होते हुए कहा-'आपकी लंबी उम्र हो, बार-बार आपकी सरकार बनती रहे।' पीएम के सवाल पर बाला ने बताया कि वह मेहनत-मजदूरी करती हैं, मनरेगा में भी मजदूरी कर लेती हैैं।। भैंस भी पालती हैं। प्रधानमंत्री ने पूछा पूछा-आपके गांव में बिजली, पानी व सड़क की सुविधा है? उन्होंने कहा-तीनों सुविधाएं हैैं। प्रधानमंत्री ने पूछा घर बनेगा तो कैसा लगेगा। बाला देवी बोलीं-अच्छा लगेगा सर। माहौल को बदलते हुए मोदी ने पूछा- 'क्या हमें कभी खाने पर बुलाओगी?' बाला देवी ने जवाब दिया-'जी सर, बिल्कुल।'
बहुत दिन से काशी नहीं आया, आप याद करते हैं या नहीं...
'नमस्ते, बहुत दिन हो गए, मैं काशी आ नहीं पाया हूं। आप लोग याद करते हैं कि नहीं?' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वाराणसी के पिंडरा ब्लाक के रामनगर (गजेंद्रा) की कमला देवी से आनलाइन बातचीत के दौरान सबसे पहले यही पूछा। फिर अगला सवाल था-'हमें आशीर्वाद देंगीं।' कमला ने जवाब में कहा, देंगे। पीएम ने फिर पूछा, आपने कभी सोचा था कि घर की मालकिन बन जाएंगी। कमला देवी ने कहा, कभी नहीं। आपकी कृपा है। प्रधानमंत्री ने कहा-मेरी कोई कृपा नहीं, यह आप सबकी तपस्या है। फिर पूछा, आप क्या काम करती हैं। कमला देवी ने बताया, स्वयं सहायता समूह से जुड़कर बकरी पालन करती हूं। दर्जन भर बकरियां समूह के माध्यम से काफी समय से पाल रही हूं।'
फिर तो मेहमानों के लिए बढिय़ा-बढिय़ा खाना भी बनाना पड़ेगा
चित्रकूट के कर्वी विकास खंड अंतर्गत खोह निवासी कल्लू की पत्नी राजकुमारी रैदास मोदी को देख मुदित थीं। पीएम ने उनसे कहा कि आपका खुद का घर, यह सपना तो कभी आपने देखा ही होगा, अब यह सपना पूरा हो रहा है। राजकुमारी ने कहा-'हां दिक्कत आवत रहै सरकार, बरसात मा पानी चूअत है, ओढऩा, अनाज, लत्ता और हम भी भींग जात हैं, बैठन का भी ठौर नहीं रहत। अब पक्का घर बन जाई तौ नीक लागी। फिर कौनौं फिकिर न रही।' पीएम ने (हंसते हुए) कहा, अच्छा मेहमान भी बहुत आएंगे। पक्का घर हो जाएगा तो, मेहमान के लिए बढिय़ा-बढिय़ा खाना बनाना पड़ेगा। गांव में पेयजल की स्थिति पूछने पर राजकुमारी ने कहा कि बहुत कमी है सरकार, बहुत समस्या है, हैंडपाइप नहीं हैं। पीएम ने उन्हें शुभकामनाएं देकर संवाद खत्म किया।