झारखंड Unlock 4 में और मिलेगी राहत, एक जुलाई से निजी स्कूलों को खोलने की मांग
Jharkhand Lockdown News Jharkhand Unlock News झारखंड की हेमंत सरकार कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती है। यही वजह है कि सरकार ने विश्व प्रसिद्ध देवघर के श्रावणी मेले को लेकर अब तक कोई बैठक नहीं की है।
झारखंड में मौजूदा लॉकडाउन की स्थिति कुछ और राहतों के साथ बढ़ सकती है। हालांकि लॉकडाउन की स्थिति को अभी पूरी तरह से खत्म नहीं किया जाएगा। अनलॉक 3 की अवधि 24 जून की सुबह 6 बजे समाप्त हो रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि कल बुधवार को आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक में अगले सप्ताह के लिए आदेश जारी किया जाएगा। झारखंड की हेमंत सरकार कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती है। यही वजह है कि सरकार ने विश्व प्रसिद्ध देवघर के श्रावणी मेले को लेकर अब तक कोई बैठक नहीं की है।
इसकी पूरी संभावना है कि इस वर्ष भी श्रावणी मेले का आयोजन नहीं होगा। कोरोना पर नियंत्रण के लिए सरकार हर तरह के प्रयास कर रही है। एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की कोरोना जांच की जा रही है। राज्य में 22 अप्रैल से लागू लॉकडाउन के कारण संक्रमण की स्थिति बहुत हद तक संभली। इसके बाद सरकार ने थोड़ी-थोड़ी राहत देते हुए राज्य को अनलॉक करना शुरू किया। आंशिक रूप से बाजार खुलने के बाद अन्य क्षेत्र के लोग भी राहत की मांग कर रहे हैं। निजी स्कूल एक जुलाई से संस्थानों को खोलने की मांग कर रहे हैं। राज्य में अभी भी धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के जाने पर रोक है। पिछले हफ्ते सरकार ने राहत देते हुए शॉपिंग मॉल को खोलने की इजाजत दी थी।
झारखंड में अभी सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक दुकानों को खोलने की इजाजत है। शादी-विवाह में अभी भी मात्र 11 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति है। राज्य में एक जिले से दूसरे जिले में परिवहन और राज्य से बाहर जाने और दूसरे राज्यों से आने के लिए भी सख्त नियम लागू हैं। बिना ई पास के परिवहन करने पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। दूसरी ओर, संक्रमण से बचाव के लिए राज्य में अभी कोरोना वैक्सीनेशन को रफ्तार दिया जा रहा है। अभी लगभग एक लाख लोगों को रोज वैक्सीन लगाई जा रही है।
दूर होंगी निजी विद्यालयों के संचालकों की समस्याएं : बादल
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने राज्य के निजी विद्यालयों के संचालकों को आश्वस्त किया है कि उनकी समस्याएं दूर होंगी। सरकार निजी विद्यालयों के साथ सहानुभूति रखेगी और उनकी जो भी मांगे हैं, वे उनसे मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे। मंत्री प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक दिवसीय वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस अहमद ने कहा कि पिछले 16 माह से निजी विद्यालय बंद हैं। इसके बावजूद शिक्षक बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों एवं कर्मियों के लिए एसोसिएशन द्वारा राहत पैकेज की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक न तो केंद्र और न ही राज्य सरकार से कोई सहयोग मिला है। प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे ने कहा कि एसोसिएशन का एक शिष्टमंडल अगले सप्ताह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर विद्यालयों की समस्याओं को रखेगा।
इस सम्मेलन में आठ सूत्री मांगों का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। इसे देश के प्रधानमंत्री व झारखंड के मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। इनमें निजी विद्यालयों में कार्यरत सहायक कर्मियों को राहत राशि मुहैया कराने, विद्यालयों के सभी बैंक लोन, बिजली बिल, वाहनों की ईएमआइ टैक्स आदि से तत्काल राहत देने, शून्य ब्याज दर पर बैंक लोन उपलब्ध कराने आदि की मांग शामिल है। इसमें एक जुलाई से स्कूलों को खोलने की अनुमति की मांग भी शामिल है। सम्मेलन को एसोसिएशन की राष्ट्रीय सचिव फोजिया खान, प्रदेश उपाध्यक्ष विपिन कुमार प्रदेश, महासचिव अनिल कुमार, सर्वेश दूबे, विद्या गौतम आदि ने भी संबोधित किया।