Maharashtra में बिहार के मंत्री के बोल- बिहार में काम करना हमारे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण...बहुत कुछ सहना पड़ता है

बिहार में बीजेपी-जेडीय गठबंधन सरकार में शामिल बीजेपी के कोटे से मंत्री सम्राट चौधरी ने कल रविवार को महाराष्‍ट्र के औरंगाबाद में एक बड़ा बयान दिया है

Maharashtra में बिहार के मंत्री के बोल- बिहार में काम करना हमारे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण...बहुत कुछ सहना पड़ता है

Aurangabad, Maharashtra, Samrat Chaudhary,  Bihar,  bjp, JDU, bjp-JDU Coalition Govt, Nitish Kumar, News: बिहार में बीजेपी-जेडीय गठबंधन सरकार (bjp-JDU Coalition Govt) में शामिल बीजेपी के कोटे से मंत्री (Bihar Minister) सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने कल रविवार को महाराष्‍ट्र के औरंगाबाद में एक बड़ा बयान दिया है. बिहार के मंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने कल रविवार को महाराष्‍ट्र के औरंगाबाद में कहा है, “हमारी गठबंधन सरकार है, यह हमारी स्वतंत्र सरकार नहीं है… बिहार में काम करना हमारे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि 4 विचारधाराएं एक साथ काम कर रही हैं. ऐसे में हमें बहुत कुछ सहना पड़ता है.

बिहार मंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा, ”हमने नीतीश कुमार (Nitish Kumar)को 43 सीटें जीतने के बाद भी सीएम के रूप में स्वीकार किया और हमें 74 मिलीं (2020 के राज्य चुनावों में). यह नया नहीं है. उन्हें 2000 में सीएम के रूप में स्वीकार किया गया था, तब भी जब उन्होंने 37 सीटें जीती थीं और बीजेपी 68-69 सीटें जीती थी. हमें पार्टी को एक इकाई बनाने की जरूरत थी. 

बता दें बीजेपी और जेडीयू नेताओं के हाल में कछ ऐसे बयान आ रहे हैं, ज‍िसमें दोनों के बीच वैचार‍िक मतभेद और खुलकर सामने आ रहे हैं.  जद (यू) के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने बयान दिया था कि “नीतीश कुमार एक प्रधानमंत्री मैटेरियल हैं. इस पर टिप्‍पणी करने से मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने इनकार कर दिया था.

बता दें कि 31 जुलाई को दिल्‍ली में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह रुख भी दोहराया कि केंद्र सरकार को जाति आधारित जनगणना पर आगे बढ़ना चाहिये जो संभावित रूप से व्यापक राजनीतिक प्रभाव वाला मुद्दा है. साथ ही पार्टी ने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए कानूनों के अधिनियमन जैसे किसी भी दंडात्मक उपायों के खिलाफ भी बात की. जद (यू) उत्तर प्रदेश और मणिपुर में आगामी राज्य विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी. जेडीयू प्रवक्‍ता केसी त्‍यागी ने कहा था कि जेडीयू भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के हिस्से के तौर पर यह चुनाव लड़ना चाहेगी, लेकिन यदि सम्मानजनक समझौता नहीं हुआ तो वह अकेले ही ये चुनाव लड़ेगी. उन्होंने दावा किया था कि पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी ने मेडिकल परीक्षा में पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को आरक्षण प्रदान करने के मोदी सरकार के फैसले की भी सराहना की. बता दें कि जेडीयू और बीजेपी के बीच कई मुद्दों पर विरोधी मत हैं, जिसके बावजूद बिहार में गठबंधन सरकार चल रही है.

जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मुलाकात का समय मांगूंगा: नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को इस बात की पुष्टि की कि वह जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगेंगे. जद(यू) नेता कुमार ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे पर उनकी पार्टी और केंद्र सरकार का नेतृत्व करने वाली भाजपा द्वारा अपनाए गए अलग-अलग रुख गठबंधन को प्रभावित नहीं करेंगे. नीतीश ने नयी दिल्ली से लौटने पर कहा, कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा (गठबंधन पर). बिहार में द्विसदनीय विधानमंडल ने जाति-आधारित जनगणना के समर्थन में दो बार प्रस्ताव पारित किए हैं. दोनों मौकों पर सभी पार्टियों ने इसके पक्ष में मतदान किया है.

पांच दलों के विपक्षी महागठबंधन के नेताओं ने हाल ही में इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी
राजद के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पांच दलों के विपक्षी महागठबंधन के नेताओं ने हाल ही में इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री ने कहा, “कल मैं समय निकालकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखूंगा और मिलने का समय मांगूंगा. मेरे साथ जाने वालों की सूची भी संलग्न की जाएगी. गौरतलब है कि केंद्र ने हाल ही में संसद को सूचित किया था कि वह केवल अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए एक जनगणना कराने के बारे में सोच रहा है, जिससे बिहार में इसकी जोरदार मांग की गई कि ओबीसी को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए, जिसका राज्य की राजनीति पर काफी प्रभाव है.