Uttar Pradesh Election 2022 : विपक्ष की नैया है मुस्लिम वोटरों के भरोसे… किसे लगाएंगे पार ??
नई दिल्ली | Uttar Pradesh Election 2022 : देश में कहीं भी चुनाव के समय मुस्लिम वोटरों को साधने की विशेष तैयारी की जाती है. उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियां इस तैयारी में लग गई है. लेकिन पहले के हालातों और अब के हालातों में एक बहुत बड़ा अंतर आ गया है. पहले की राजनीति में कांग्रेस को असदुद्दीन ओवैसी जैसे किसी राजनीतिक शख्सियत का सामना नहीं करना पड़ता था और मुस्लिम वोटरों का एकमुश्त वोट उन्हें मिलता था. अब परिस्थितियां बदल गई है एक और क्षेत्रीय पार्टी कांग्रेस का वोट काट रही हैं तो दूसरी ओर असदुद्दीन ओवैसी की अपनी शख्सियत से युवा उनको खूब पसंद करते हैं. जानकारों की मानें तो कांग्रेस के पिछड़ने के पीछे का कारण भी यही है. असदुद्दीन ओवैसी के आने से कॉन्ग्रेस को उसके मुस्लिम वोटरों का नुकसान उसे उठाना पड़ रहा है.
कांग्रेस के लिए मुस्लिम वोटरों को लुभाना जरूरी
Uttar Pradesh Election 2022 : बता दें कि प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव कुल 430 विधानसभा सीटों में से 130 सीटों पर मुस्लिम वोटरों का प्रभाव है. यही कारण है कि एक बार फिर से विपक्ष की सभी पार्टियों को मुस्लिम समुदाय की याद आने वाली है. कांग्रेस ने तो इस संबंध में बयान देने भी शुरू कर दिया है. हाल ही में कांग्रेस की ओर से इमरान मसूद को दिल्ली का साथ प्रभारी और राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है. इसके साथ ही इमरान को अल्पसंख्यक मोर्चे का चेयरमैन बनाया गया है. इन सब के पीछे का कारण भी यही है कि कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि वे मुसलमानों के हितकर हैं.
बसपा भी मुस्लिम वोटरों को लुभाने के प्रयास में
Uttar Pradesh Election 2022 : दूसरी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती भी मुस्लिमों को साधने में कोई कमी नहीं छोड़ रही है. हाल ही में उन्होंने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को उत्तर प्रदेश विधानमंडल दल का नेता नियुक्त किया है. स्पष्ट है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी मुस्लिम वोटरों को चुनाव के समय नाराज नहीं करना चाहती है. सूत्रों से तो यहां तक जानकारी मिल रही है कि मायावती इस बार 90 से 100 सीटों में मुस्लिम उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही हैं.
सपा हमेशा देती हैं मुस्लिम उम्मदीवारों को टिकट
अखिलेश यादव और सपा हमेशा से सेफ राजनीति के लिए जाने जाते हैं. यहीं कारण है कि सपा हमेशा से मुस्लिम उम्मीदवारों पर भरोसा करती आई है. इस भरोसे से समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को हमेशा शुभ परिणाम मिले हैं. ऐसे में एक बार फिर से अखिलेश यादव की नजर आने वाले विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटरों पर होगी.