पटना में कोटक महिंद्रा बैंक का ब्रांच मैनेजर बर्खास्त, किसी भी क्षण गिरफ्तार कर सकती है पुलिस
एचएचआई खाते से गलत ढंग से आरटीजीएस मामले में शाखा प्रबंधक बर्खास्त कोटक महिंद्रा गु्रप की विभागीय जांच में रुपयों की अवैध निकासी में मिली थी संलिप्तता बैंक प्रशासन ने शाखा प्रबंधक के खिलाफ मिले सबूतों को गांधी मैदान थाना पुलिस को सौंपा
बैंक के बड़े ग्राहकों के खातों का पैसा गैरकानूनी तरीके से दूसरे के खाते में ट्रांसफर करने वाले गिरोह के साथ संलिप्तता के आरोप में बिहार की राजधानी पटना के बोरिंग रोड स्थित महिंद्रा कोटक बैंक के शाखा प्रबंधक को बर्खास्त कर दिया गया है। इस बैंक अधिकारी की करतूत से बैंक की साख पर बेहद बुरा असर पड़ा है। यह पूरा मामला तब सामने आया था जब ठगों का गिरोह नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के बैंक अकाउंट से 11.73 करोड़ रुपये गैरकानूनी तरीके से दूसरे के खाते में आरटीजीएस कराने के प्रयास में जुटा था। इस मामले में गांधी मैदान थाना पुलिस के साथ ही कोटक महिंद्रा गुप की विभागीय जांच भी तेज हो गई है।
बैंक प्रशासन ने खुद ही पुलिस को सौंपे सारे सबूत
जांच के दौरान निजी फर्म व अन्य खातों में आरटीजीएस के जरिये ट्रांसफर किये गये 28 करोड़ रुपये के मामले में भी बैंक की जांच टीम दोषियोंं के खिलाफ सबूत जुटा रही है। कोटक महिंद्रा ग्रुप की विभागीय जांच में रुपयों की अवैध रूप से की गई निकासी में संलिप्तता पाये जाने पर बोरिंग रोड महिंद्रा कोटक के शाखा प्रबंधक सुमित कुमार को बर्खास्त कर दिया गया है। इसकी पुष्टि कोटक महिंद्रा ग्रुप के प्रधान संप्रेषण अधिकारी रोहित राव ने की है। साथ बताया कि उनके खिलाफ मिले सबूतों को भी बैंक प्रशासन ने गांधी मैदान थाने की पुलिस सौंप दिया है।
मामला उजागर होते ही बिगड़ गई तबीयत
सूत्रों की मानें तो रुपयों की निकासी का मामला उजागर होने के बाद से ही बैंक मैनेजर सुमित कुमार की तबीयत खराब हो गई। इस वजह से पुलिस भी उनसे पूछताछ नहीं कर सकी। पुलिस की निगरानी में उनका इलाज हो रहा है। एक पुलिस अधिकारी की मानें तो उनकी गिरफ्तारी किसी भी समय हो सकती है।
आरा में फिर दबिश, मिले चार मोबाइल नंबर
गांधी मैदान थाने की पुलिस को गिफ्तार शुभम गुप्ता ने जिन चार अपराधियों का नाम बताया था, उनकी तलाश में आरा में फिर दबिश दी गई है। हालांकि चारों का कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस के हाथ चार संदिग्ध नंबर भी लगे हैं। सोमवार को उनका डिटेल भी पुलिस के हाथ लग चुका है। उनमें आधा दर्जन से अधिक नंबर ऐसे हैं, जिसमें कुछ बैंक और विभाग के कर्मियों के हैं। सोमवार को भी पुलिस कोटक बैंक गई थी और कुछ अहम दस्तावेज अपने साथ लेकर लौटी।
जांच में सामने आई सुमित की संलिप्तता
कोटक महिंद्रा ग्रुप के प्रधान संप्रेषण अधिकारी रोहित राव ने बताया है कि बीते दो जनवरी को बैंक की पटना शाखा से अनाधिकृत आरटीजीएस ट्रांजेक्शन को रोका गया था। फर्जी आरटीजीएस पत्र लेकर गांधी मैदान के एग्जीविशन रोड शाखा में आये जालसाज शुभम गुप्ता को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था। इसके बाद से ही विभाग आंतरिक जांच शुरू कर दी। इसमें बैंक कर्मी सुमित कुमार की संलिप्तता इस धोखाधड़ी में पायी गई।
कई बैंक खातों का मिला ब्यौरा
बैंक सूत्रों का कहना है कि एनएचएआई व भू-अर्जन विभाग के खातों से रुपयों की निकासी के लिए आरोपित पहले से तैयारी करते थे। इसके लिए बैंकों में निजी फर्म व अन्य लोगों के नाम आधे-अधूरे नाम व पते पर खाते खोले गये थे। पुलिस टीम को इन सभी खातों का पूरा ब्यौरा भी मिल चुका है।