साक्षात्कार: डीयू का विकल्प बनेगा कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय, उद्योगों की जरूरत के मुताबिक बदले जाएंगे कोर्स
डीएसईयू की कुलपति प्रो. निहारिका वोहरा ने विवि में उपलब्ध कोर्स, नई योजनाओं और विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं, कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई और विवि के विस्तार की योजना के संबंध में अमर उजाला संवाददाता रश्मि शर्मा व किशन कुमार से विस्तृत चर्चा की
विस्तार
दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय (डीएसईयू) भविष्य में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) का विकल्प बन सकता है। उद्योगों की जरूरतों को देखते हुए इसके कोर्स इस तरह तैयार किए गए हैं कि विद्यार्थी जॉब देने वाले भी बन सकेंगे। डीएसईयू बाजार की जरूरतों के हिसाब से कोर्स के स्वरूप में नियमित तौर पर बदलाव भी करता रहेगा, ताकि विद्यार्थियों की दक्षता बरकरार रहे। पाठ्यक्रम को रुचिकर बनाया जाएगा। डीएसईयू की कुलपति प्रो. निहारिका वोहरा ने विवि में उपलब्ध कोर्स, नई योजनाओं और विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं, कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई और विवि के विस्तार की योजना के संबंध में अमर उजाला संवाददाता रश्मि शर्मा व किशन कुमार से विस्तृत चर्चा की।
डीएसईयू की दाखिला प्रक्रिया को लेकर विद्यार्थियों में कैसा रुझान है?
दाखिला प्रक्रिया 6 जुलाई को शुरू हुई थी। विवि में उपलब्ध 18 यूजी, 15 डिप्लोमा, 11 प्लैगशिप व एक बीसीए कोर्स में दाखिले का काफी अच्छा रुझान है। अब तक वेबसाइट पर 60 हजार से अधिक हिट मिल चुके हैं। सात हजार से अधिक विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। इनमें से 2200 से अधिक आवेदनकर्ताओं ने शुल्क का भुगतान कर पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
डीएसईयू में दाखिले एंट्रेस टेस्ट से होंगे या अलग से कोई मेरिट बनेगी?
दिल्ली का विवि होने के कारण 85 फीसदी सीटें दिल्ली के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित हैं। 15 फीसदी सीटों पर अन्य राज्यों के विद्यार्थी दाखिला ले सकते हैं। डीयू की तर्ज पर यहां भी दाखिले मेरिट से ही होंगे। किसी प्रकार की प्रवेश परीक्षा नहीं ली जाएगी। मेरिट एक समान होने पर सीटों के हिसाब से टॉप 60 विद्यार्थियों को दाखिला दिया जाएगा।
क्या डीयू की तरह डीएसईयू में भी कटऑफ शतक लगा सकती है?
बिल्कुल नहीं। इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि कटऑफ सौ फीसदी तक नहीं पहुंचे। विद्यार्थियों को योग्यता और रुचि के हिसाब से ही पाठ्यक्रम में दाखिला मिले।
क्या डीएसईयू भविष्य में डीयू का विकल्प बन सकता है?
विवि में पाठ्यक्रमों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि विद्यार्थी नौकरी देने वाले भी बन सकें। विद्यार्थी यहां केवल भेड़चाल में फंसकर दाखिला न लें, इस बात का ध्यान रखा गया है। हम नहीं चाहते कि वे सामान्य कोर्स कर भविष्य की चिंता करें। अब तक दिल्ली में कौशल पर केंद्रित कोई विवि नहीं था। इसी कारण डीयू में दाखिले की होड़ रहती है। हम डीएसईयू को इस तरह आगे बढ़ा रहे हैं कि यह भविष्य में डीयू का विकल्प बनकर उभरे।
क्या दाखिले की मेरिट में विद्यार्थियों को कोई वैटेज मिलेगा?
वर्तमान में जारी दाखिला प्रक्रिया में हम विद्यार्थियों को ईसीए (एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी-स्पोर्ट्स) स्कूल में वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई व कौशल के किसी पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए स्कूल प्रिंसिपल की सिफारिश पर मेरिट में तीन से चार फीसदी वेटेज देंगे। ईसीए में किसी प्रतियोगिता में केवल प्रतिभागी होने पर भी एक अंक का लाभ मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने पर प्रतिभागियों को आठ अंकों तक का लाभ मिल सकेगा।
डीएसईयू में पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद नौकरी प्राप्त करने की कितनी संभावनाएं रहेंगी?
प्रत्येक पाठ्यक्रम में इंडस्ट्री के हिसाब से विद्यार्थियों को तैयार किया जाएगा। इसके लिए समय-समय पर इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञ ट्रेनिंग देंगे। पाठ्यक्रम के अंतिम छह माह में विद्यार्थियों के पास इंडस्ट्री में प्रशिक्षण लेने का अवसर रहेगा। इससे उन्हें नौकरी प्राप्त करने में आसानी होगी। विवि का कुछ इंडस्ट्री के साथ करार है। लिहाजा विद्यार्थियों को प्लेसमेंट के लिए भटकना नहीं होगा।
कोरोना काल में शिक्षण संस्थान बंद हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई किस रूप में होगी?
विवि ने शिक्षण संस्थान खुलने पर कक्षाओं के संचालन को दो भागों में विभाजित किया है। लॉकडाउन दोबारा नहीं लगा तो सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सुबह और शाम की पाली में कक्षाएं लगेंगी, ताकि एक ही समय पर परिसर में विद्यार्थियों की अधिक भीड़ न हों। कुछ पाठ्यक्रमों को हाईब्रिड तो कुछ को ऑनलाइन पढ़ाया जा सकता है। कुछ पाठ्यक्रम ऐसे हैं, जिनमें प्रैक्टिकल इनपुट ज्यादा है। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए वर्चुअल लैब पर भी काम कर रहे हैं।
क्या विवि विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कुछ सुविधाएं प्रदान करेगा?
विवि विद्यार्थियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहा है। विवि का प्रयास है कि दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को वाई-फाई पैक की सुविधा मिल सके, ताकि वे कहीं भी और कभी भी पढ़ाई जारी रख सकें। यह प्रयास अभी शुरुआती चरण में है। इसी तरह हमारा प्रयास है कि हम प्रत्येक विद्यार्थी को कंप्यूटर उपलब्ध कराएं। इन्हें थोक दर पर खरीदने की तैयारी है। दरअसल कोरोना काल में कंप्यूटर समय की जरूरत बन गया है।
क्या विवि में शुरू किए गए पाठ्यक्रमों में भविष्य में बदलाव किए जाने की योजना है?
बिल्कुल। हम चाहते हैं कि बाजार की जरूरत के हिसाब से समय-समय पर पाठ्यक्रमों में बदलाव किया जाए। किसी भी पाठ्यक्रम को लंबे समय तक पढ़ाया नहीं जा सकता, क्योंकि समय-समय पर उसमें बदलाव होते रहते हैं। लिहाजा बाजार की जरूरत के हिसाब से पाठ्यक्रमों में बदलाव किया जाना जरूरी है।
विवि की योजना भविष्य में विस्तार करने की है? कुछ नए पाठ्यक्रम शामिल किए जा सकते हैं?
जी हां, हमारी कोशिश है कि कैंपस को विस्तार मिले। इससे विद्यार्थियों को ज्यादा विकल्प उपलब्ध हो सकेंगे। हम भविष्य में चार से पांच नए पाठ्यक्रम भी शुरू करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इनमें एप्लायड पीएचडी, मास्टर, डिजिटल मार्केटिंग, नर्सिंग केयर वर्कर पाठ्यक्रम शामिल हैं। नर्सिंग केयर पाठ्यक्रम के लिए जापान के विशेषज्ञों द्वारा विद्यार्थियों को प्रशिक्षण मिल सकेगा और उनके विदेश में काम करने की संभावना भी बढ़ेगी। इसके साथ ही अगले साल कुछ नए लैंग्वेज भी शुरू किए जा सकते हैं। युवाओं को रोजगार देने के लिए कुछ शॉर्ट टर्म कोर्सेज को शुरू करने पर भी विचार कर रहे हैं, जिनमें विद्यार्थियों की रुचि हो। यह पाठ्यक्रम दो से तीन साल में शुरू हो सकते हैं।
कुल पाठ्यक्रम: 45
कुल सीटें : 6 हजार से अधिक
आवेदन की अंतिम तिथि: 10 अगस्त
आवेदन शुल्क : 500 रुपये के साथ ट्रांजेक्शन शुल्क
कुल कैंपस : 13
कैसे करें आवेदन : डीएसईयू की वेबसाइट से किया जा सकता है।