औरंगाबाद में विष्णुधाम महोत्सव से जम्होर को मिलेगी नई पहचान, 25 एवं 26 फरवरी को होगा आयोजन
आैरंगाबाद जिले के जम्होर में स्थित भगवान विष्णु के प्राचीन मंदिर में दो दिवसीय विष्णुधाम महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। 25 एवं 26 फरवरी को होने वाले इस महोत्सव की सफलता को लेकर समितियों का गठन किया गया है।
जम्होर में 25 एवं 26 फरवरी को आयोजित विष्णुधाम महोत्सव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। महोत्सव को सफल बनाने के लिए आयोजन समिति की बैठक की गई है। आयोजन समिति के अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह ने कहा कि जम्होर काफी पौराणिक एवं ऐतिहासिक स्थल है। यहां भगवान विष्णु का पौराणिक मंदिर है। लेकिन प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण यह उपेक्षित है। इसे विष्णु धाम भी कहा जाता है। इस धाम के विकास एवं सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सामाजिक सहयोग से महोत्सव मनाने का निर्णय लिया गया है।
अपने पुरखों के नाम पर कार्यक्रम को करें प्रायोजित
विभिन्न कार्यक्रमों को लेकर प्रायोजकों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने फर्म, पुरखों, एवं स्वयं के नाम पर विष्णुधाम महोत्सव को सफल बनाने के लिए कार्यक्रम को प्रायोजित कर सकते हैं।इसके लिए दो समूहों का गठन किया गया है। प्रथम समूह ए के संयोजक अजीत कुमार सिंह प्रसिद्ध समाज सेवी होंगे, उनके साथ जम्होर पंचायत के मुखिया सुरेन्द्र गुप्ता, सरपंच पप्पू ज्वाला सिंह, संरक्षक सिधेश्वर विद्यार्थी के अलावा अन्य दो सदस्य होंगे। बी समूह के संयोजक अजीत कुमार सिंह पूर्व उप मुखिया होंगे । उनके साथ पंचायत समिति सदस्य अनिल कुमार अग्रवाल , विजय जैसवाल के अलावा अन्य तीन सदस्य होंगे । इन सबों का कार्य प्रायोजकों को ढूंढकर उनसे सहयोग लेते हुए सम्मानित करने का कार्य भी करेगी।
महोत्सव को सफल बनाने के लिए समिति का गठन
कार्यक्रमों को दायित्व का बंटवारा करते हुए समिति के सदस्यों की जवाबदेही का भी निर्धारण किया गया। भगवान विष्णु के पूजन का भार गायत्री परिवार को दिया गया। इसके लिए नवनीत गुप्ता, रामध्यान साव , बेनी पासवान को अधिकृत किया गया। विषय निर्धारित संगोष्ठी के लिए सिधेश्वर विद्यार्थी, डॉ निरंजय को वक्ताओं को आमंत्रित करने हेतु अधिकृत किया गया। संध्या में दुगोला आयोजन हेतु आयोजन समिति के महासचिव पप्पू ज्वाला सिंह को जवाबदेही दी गई है। सम्मान समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कवि सम्मेलन का आयोजन कोर समिति करेगी। बताया गया कि जम्होर में हर साल पितृपक्ष के दौरान पुनपुन नदी में पिंडदान किया जाता है। पिंडदान करने कई राज्यों के अलावा विदेशी भी आते हैं। वाराणसी से रेल मार्ग से पिंडदान करने गया जाने वाले पिंडदानी अपने पुरखों का पहला पिंडदान जम्होर के पुनपुन नदी में करते हैं।