कांवड़ यात्रा : उत्तराखंड में रोक, यूपी में जांच के बाद प्रवेश, पश्चिम में कांवड़िये स्थानीय शिवालयों में करेंगे जलाभिषेक

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी का कहना है कि प्रदेश में कांवड यात्रा रोकी नहीं जाएगी। उत्तराखंड सरकार द्वारा कांवड यात्रा को अनुमति न दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही कांवड यात्रा नहीं निकलती।

कांवड़ यात्रा : उत्तराखंड में रोक, यूपी में जांच के बाद प्रवेश, पश्चिम में कांवड़िये स्थानीय शिवालयों में करेंगे जलाभिषेक

विस्तार
कोविड की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए उत्तराखंड ने इस साल कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है। हालांकि यूपी में 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होगी, लेकिन यहां जांच के बाद ही प्रवेश मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को निर्देश दिया कि कांवड़ यात्रा के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव जांच रिपोर्ट अनिवार्य किया जाए। उन्होंने अफसरों को कांवड़ संघों से संवाद के निर्देश दिए हैं।


कोरोना के तीसरे लहर के खतरे को देखते हुए सीएम योगी ने अपील की है कि कांवड़ यात्रा में कम से कम लोग शामिल हों। उन्होंने कहा कि कोरोना थमा है, लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में हर व्यक्ति को गंभीरता दिखानी होगी। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड से संवाद कर यात्रा के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।


वहीं, उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा रद्द करने की घोषणा करते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लोगों की जीवन की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को इस संबंध में पड़ोसी राज्यों से समन्वय स्थापित कर प्रभावी कार्रवाई करने को कहा, ताकि वैश्विक महामारी को रोकने में सफल हो सकें।

पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। पीएम मोदी हमसे भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने और कोरोना के नियमों का पालन करने का आग्रह करते रहे हैं। सरकार ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए कांवर यात्रा को स्थगित करने का फैसला किया है। हमने इस संबंध में सभी से भी अपील की है। 

केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि स्थिति को देखते हुए सरकार ने इस साल कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला लिया है। लोगों की जान बचाना और अर्थव्यवस्था को भी देखना हमारी जिम्मेदारी है। लोगों को भी कोरोनावायरस की गंभीरता को समझना चाहिए।

पश्चिम में कांवड़िये स्थानीय शिवालयों में करेंगे जलाभिषेक : अवस्थी
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी का कहना है कि प्रदेश में कांवड यात्रा रोकी नहीं जाएगी। उत्तराखंड सरकार द्वारा कांवड यात्रा को अनुमति न दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही कांवड यात्रा नहीं निकलती। प्रयागराज से वाराणसी तथा अयोध्या से बस्ती भी कांवड यात्रा निकाली जाती है। प्रदेश में बहुत से शिवालय हैं जहां श्रद्धालु जलाभिषेक कर सकते हैं।

अवस्थी ने कहा कि यह सही है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से उत्तराखंड जाने वाली कांवड यात्रा प्रभावित होगी। वहां के श्रद्धालु आसपास के शिवालयों में जलाभिषेक कर सकेंगे। सरकार पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। कांवड संघों से भी बातचीत करेंगे। वैसे भी कांवड यात्रा कोविड प्रोटोकाल के साथ निकालने की ही अनुमति दी जा रही है। कम से कम लोगों को कांवड यात्रा में शामिल होने को कहा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने दिया कांवड़ संघों से बातचीत करने के निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ - फोटो : सोशल मीडिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए कम से कम लोग कांवड़ यात्रा में शामिल हों। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के लिए अन्य राज्यों से प्रदेश में आने वालों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता की जाए। सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस मामले को लेकर कांवड़ संघों से संवाद किया जाए। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को लोकभवन में उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों के ये निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना थमा है, लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में हर व्यक्ति को कोविड संक्रमण को लेकर गंभीरता दिखानी होगी। 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होनी है। कोविड संक्रमण को देखते हुए कांवड संघों से बातचीत की जाए। उन्हें बताया जाए कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने संभावित तीसरी लहर को देखते हुए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। उनसे कांवड़ यात्रा में न्यूनतम लोगों की सहभागिता का अनुरोध किया जाए।

उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड राज्यों से संवाद कर यात्रा के लिए आवश्यक दिशा- निर्देश जारी किए जाएं। मालूम हो कि हर साल हजारों लोग इस यात्रा में शामिल होते हैं। उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के  कांवड़िये पैदल चलते हुए हरिद्वार से गंगाजल भरते हैं। इसके बाद उससे शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं।  

सुरक्षा व्यवस्था का रखें ध्यान
मुख्यमंत्री ने यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान रखने का निर्देश दिया। पिछले सप्ताह भी उन्होंने पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यात्रा की सुरक्षा को लेकर निर्देश दिया था। इसमें कांवड़ यात्रा को लेकर कांवड संघों से संवाद स्थापित करने और अनावश्यक रूप से भीड़भाड़ ना होने देने की अपील करने की बात कही गई थी। उन्होंने कांवड यात्रा वाले रास्तों, शिव मंदिरों में साफ- सफाई कराने, लाइट की मुकम्मल व्यवस्था कराने के भी निर्देश दिए।