किसान संसद : आज से जंतर-मंतर पर डेरा, पुलिस के घेरे में सिंघु बॉर्डर से आएंगे आंदोलनकारी

कोविड काल में होने वाले प्रर्दशन के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी रियायत दे दी है। किसान पांच बजे तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के बाद सिंघु बॉर्डर पर लौट जाएंगे।

किसान संसद : आज से जंतर-मंतर पर डेरा, पुलिस के घेरे में सिंघु बॉर्डर से आएंगे आंदोलनकारी

विस्तार
दिल्ली पुलिस की ओर से किसान संगठनों को संसद मार्च की इजाजत मिलने के बाद आज से नौ अगस्त तक पुलिस के घेरे में 206 किसान सिंघु बॉर्डर से रवाना होंगे। करीब 11 बजे जंतर मंतर पर इनकी किसान संसद लगेगी। पूरे मानसून सत्र के दौरान किसान केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे। दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से लेकर जंतर मंतर तक सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है। 


कोविड काल में होने वाले प्रर्दशन के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी रियायत दे दी है। किसान पांच बजे तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के बाद सिंघु बॉर्डर पर लौट जाएंगे। उधर, खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पंजाब के युवाओं व किसानों से बड़ी संख्या में दिल्ली पहुंचने की अपील की है। 


इसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली जिले को पांच जोन में बांटकर हर जोन की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उपायुक्त स्तर के पुलिस अधिकारी को दे दी है। इससे पहले मानूसन सत्र के दौरान प्रस्तावित संसद मार्च के बारे में दिल्ली पुलिस के साथ किसान संगठनों की दो दौर की बैठक हुई। इसके बाद बुधवार को दो पक्षों के बीच रजामंदी हो गई। 

पुलिस अपने सुरक्षा घेरे में सिंघु बार्डर से चलकर जंतर मंतर पर किसान संसद लगाने पर सहमत हो गई। इसके लिए पुलिस को किसान संगठनों ने आश्वस्त किया है कि वह सिंघु बॉर्डर से रवाना होने वाले सभी किसानों की लिस्ट पुलिस को दे देंगे। इसके अलावा दूसरे किसी शख्स के शामिल होने की जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी। इस दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था को रोकने के लिए पुलिस अपने सुरक्षा घेरे में किसानों को जंतर मंतर तक पहुंचाएगी।

जंतर मंतर पर किसानों की संसद 22 जुलाई से नौ अगस्त तक पूरे मानसून सत्र के दौरान चलेगी। इस दौरान केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी सहित अपनी मांगों के समर्थन आवाज उठाएंगे। 

साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान संगठनों ने सभी सांसदों को पीपुल्स व्हीप पर जारी कर अपील की है कि वह किसानों की बात संसद तक पहुंच सके। संसद में किस दल ने उनकी आवाज किस तरह उठाई जा रही है, इस पर भी किसानों की नजर रहेगी।
 
प्रदर्शनकारियों को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से करना होगा पालन
कोरोना काल में अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान किसानों को मास्क पहनने के साथ साथ सामाजिक दूरी, सैनिटाइजेशन सहित सभी नियमों का पालन करना होगा। तयशुदा रूट से बसों में जंतर मंतर पर नौ अगस्त तक प्रदर्शन की किसानों को सुबह 11 से शाम पांच बजे तक की इजाजत है। 

डीडीएमए ने हिदायत दी है कि पुलिस के घेरे में तयशुदा रूट पर ही बसों में किसानों को रवाना होने दिया जाएगा। किसानों के साथ एक एसयूवी में भी छह किसान नेताओं और प्रतिनिधियों को भी जाने की अनुमति होगी। महामारी काल के दौरान विरोध प्रदर्शन में 200 किसानों को शामिल करने के लिए डीडीएमए ने रियायत दी है। इस दौरान कोविड-19 से सुरक्षा के लिए तय मानक संचालन प्रक्रिया का भी सख्ती से पालन की हिदायत दी गई है।
 
संसद के मॉनसून सत्र वाले दिन ही लगेगी किसानों की संसद
. संसद मार्च के तहत किसानों की जंतर मंतर पर लगेगी संसद।
. बगैर पहचान पत्र और बैज के प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकेंगे किसान।
. बसों में रवाना होने से पहले सभी प्रदर्शनकारियों की जाएगी पहचान पहुंचने पर भी सभी की जांच की जाएगी।
. 200 प्रदर्शनकारियों में प्रत्येक संगठन के 5-5 प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।
. किसान संसद में हर दिन एक स्पीकर और डेप्युटी स्पीकर चुनेंगे। 
. पहले दो दिनों में एपीएमसी ऐक्ट पर चर्चा होगी। बाद में अन्य बिलों पर भी दो-दो दिन चर्चा के लिए दिए जाएंगे।
. ससद में चलने वाली कार्रवाई पर भी रहेगी नजर।