जानिए कौन है वह दिल्‍ली का पुलिसवाला, जो तलवार के आगे बना ढाल, नहीं आने दी खाकी पर आंच

जिसके सामने कोई शख्स मौत बनकर खड़ा हो उसकी तो रूह तक कांप जाए। लेकिन दिल्ली पुलिस को यूं ही दिलेर नहीं कहा जाता। मौत को सामने देखकर भी एसआइ दया चंद ने उपद्रवी के सामने अपनी गर्दन नहीं झुकाई और कांस्टेबल नितिन ने लाठी से तलवार का मुकाबला किया।

जानिए कौन है वह दिल्‍ली का पुलिसवाला, जो तलवार के आगे बना ढाल, नहीं आने दी खाकी पर आंच

निहत्थे पुलिसकर्मी के सामने तलवार ताने प्रदर्शनकारी ने कहा कि नई दिल्ली जाने नहीं दिया तो गर्दन काटकर अलग कर दी जाएगी। यह अल्फाज सुनकर लाजमी है जिसके सामने कोई शख्स मौत बनकर खड़ा हो उसकी तो रूह तक कांप जाए। लेकिन, दिल्ली पुलिस को यूं ही दिलेर नहीं कहा जाता। मौत को सामने देखकर भी एसआइ दया चंद ने उपद्रवी के सामने अपनी गर्दन नहीं झुकाई और कांस्टेबल नितिन ने लाठी से तलवार का मुकाबला किया।

वायरल हो रही है हिंसा की एक तस्‍वीर

इंटरनेट मीडिया पर एक फोटो काफी वायरल हो रही है, जिसमें दिख रहा है एक प्रदर्शनकारी ने पुलिसकर्मी पर तलवार तान रखी है। जिस पुलिसकर्मी पर तलवार तानी थी वह मंडावली थाने में तैनात एसआइ दया चंद हैं। यह फोटो गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के नाम पर हुए उपद्रव के दौरान अक्षरधाम के पास की है।

दया चंद ने सुनाई तस्‍वीर की पूरी कहानी

दया चंद ने बताया कि मंगलवार सुबह वह अक्षरधाम के पास ड्यूटी पर थे, किसानों को नई दिल्ली जाने से रोकने के लिए पुलिस ने करीब 12 स्तरीय बैरिकेडिंग की हुई थी। तभी बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्राली के साथ लोग वहां पहुंचे और ट्रैक्टर से बैरिकेड्स को तोड़ने लगे।

प्रदर्शनकारी तलवारे लेकर बैरिकेड्स पर चढ़ गए

पुलिस ने उन्हें रोका तो कुछ प्रदर्शनकारी तलवारे लेकर बैरिकेड्स पर चढ़ गए और पुलिस की ओर आकर तलवारों से हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि निहंग ने उनपर कई बार तलवार से हमला किया, लेकिन वह किसी तरह से बच गए। निहंग तलवार से उनकी गर्दन पर वार करने ही वाला था, तभी कांस्टेबल नितिन ने तलवार पर डंडा अड़ा दिया। तलवार लगने से बाल-बाल बच गई।

उम्मीद नहीं थी वह पुलिस के साथ ऐसा करेंगे

दया चंद ने कहा कि हमला करने वाले को हमने अन्नदाता समझा था, उम्मीद नहीं थी वह पुलिस के साथ ऐसा करेंगे। तलवार लगने से उनकी जान भी जा सकती थी, लेकिन वह डरे नहीं और डटकर उसक मुकाबला किया। नितिन ने कहा कि पुलिस का धर्म है लोगों की हिफाजत करना। जब वह पुलिस में भर्ती हुए थे। उनके मन से डर तभी निकल गया था, तभी तो उन्होंने तलवार का मुकाबला अपने डंडे से किया। उन्हें अंजाम की परवाह नहीं थी।