दिल्ली : आरएफआईडी टैग बिना राजधानी में व्यावसायिक वाहनों का प्रवेश बंद
लंबे समय से चली आ रही रियायत खत्म, 124 टोल नाकों पर टैग लगाने का अभियान
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रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) टैग के बिना दिल्ली में व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश की छूट खत्म हो चुकी है। राजधानी में आने वाले बिना टैग कॉमर्शियल वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है। सभी 124 टोल नाकों पर टैग लगाने का अभियान शुरू कर दिया गया है। इसके तहत टैग रहित वाहनों पर तत्काल नया टैग लगाया जाएगा। जिन वाहनों पर टैग लगा है, लेकिन लंबे समय से इसे रीचार्ज नहीं किया गया है, उसे तत्काल रीचार्ज किया जाएगा।
दिल्ली के सभी 124 टोल नाकों पर आरएफआईडीयुक्त हैंड हेल्ड डिवाइस लगा दी गई है। पहले केवल 11 टोल नाकों पर आरएफआईडी था। इस कारण बड़ी संख्या में वाहन मैनुअल टोल भरकर निकल जाते थे।
बिना टैग वाहनों को रोकने की अधिसूचना 14 जून को जारी कर दी गई थी। दिल्ली के सभी टोल नाकों पर नोडल एजेंसी के तौर पर टोल वसूलने की जिम्मेदारी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पास है। निगम ने विभिन्न कंपनियों को इसका जिम्मा दे रखा है।
दक्षिणी निगम के महापौर मुकेश सूर्यान ने बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की तरफ से लंबे समय से निर्देश दिया जा रहा था कि दिल्ली में आने वाले वाहनों पर अनिवार्य रूप से आरएफआईडी टैग लगाया जाए। करीब सालभर से वाहनों को रियायत मिल रही थी। इसका कारण सभी टोल नाकों पर आरएफआईडी बैरियर नहीं लग पाना था। अब टोल नाकों पर काम कर रही कंपनियों को हिदायत दी गई है कि वे अधिक से अधिक वाहनों पर अनिवार्य रूप से आरएफआईडी टैग लगाएं। इसके बिना किसी वाहन को प्रवेश नहीं दिया जाए।
आरएफआईडी का बकाया खाते में जाएगा
महापौर ने बताया कि हाल ही में ट्रांसपोर्टरों ने उनसे मिलकर समस्या बताई थी कि उन्हें अपना वाहन बेचने की स्थिति में आरएफआईडी का बचा शुल्क वापस नहीं मिल पा रहा है। महापौर ने बताया कि इसके समाधान के लिए निगम प्रयास कर रहा है। आने वाले दिनों में बचा हुआ पैसा वाहन मालिक के खाते में सीधा वापस देने की योजना है।