रफ्तार और सरोकार : हर तरह से हरित होगा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, भारत के खाते एक और उपलब्धि

हाई स्पीड रेल के लिए दुनिया की पहली विशेष ग्रीन रेटिंग प्रणाली तैयार करने का गौरव इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल व नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के सहयोग से तैयार की गई है रेटिंग 

रफ्तार और सरोकार : हर तरह से हरित होगा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, भारत के खाते एक और उपलब्धि

विस्तार
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट हर तरह से हरित होगा। इस प्रोजेक्ट को पूरे तरह से पर्यावरण फ्रेंडली बनाया जा रहा है। भारत को हाई स्पीड रेल के लिए दुनिया की पहली विशेष ग्रीन रेटिंग प्रणाली तैयार करने का गौरव भी प्राप्त हुआ है। इससे पहले किसी देश ने इस तरह की रेटिंग अभी तक तय नहीं की है। 


इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल व नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के सहयोग से रेटिंग तैयार की गई है। इसके लिए जो मानक तैयार किया गया है उस मानक पर पहले से ही अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट दौड़ रहा है। हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में बुलेट ट्रेन पर्यावरण के ट्रैक से होकर दौड़ेगी। अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के बीच हरियाली को बढ़ावा दिया जा रहा। स्टेशनों को डिजाइन और निर्माण के दौरान पर्यावरण और अक्षय उर्जा श्रोत का खास ध्यान रखा जा रहा है। भारतीय उद्योग परिसंघ भी इस मुहिम में सहयोग करेगा। 


ग्रीन स्टेशन बिल्डिंग निर्माण के लिए प्राकृतिक प्रकाश से रौशन करने की तकनीक पर काम चल रहा है। इसमें 75 प्रतिशत प्रकाश वेंटिलेशन के माध्यम से प्राकृतिक होगा। 25 प्रतिशत ही दूसरे श्रोत से रौशन होगा। ताकि दिन के वक्त  प्राकृतिक श्रोत से स्टेशन परिसर रौशन हो सके। शाम ढलते ही सौर उर्जा से स्टेशन, परिसर और पूरे रेल ट्रैक को रौशन किया जा सके। 

इंटरमॉडल कम्यूटर परिवहन की सुविधा के लिए स्टेशनों को परिवहन के अन्य साधनों के साथ एकीकृत किया जाएगा। हाई स्पीड रेल कॉरीडोर के सीएमडी अचल खरे के अनुसार हाई स्पीड रेल अहमदाबाद-मुंबई के लिए के लिए पहले से कोई रेटिंग सिस्टम नहीं था। विश्व में पहली बार इस तरह का सिस्टम विकसित किया गया है। 

हालांकि इस तरह का पैरामीटर पहले से ही बुलेट प्रोजेक्ट में अपनाया जा रहा है। सभी डिपो में वाटर कंजर्वेशन, रेन वाटर हार्वेस्टिंग तकनीक आधारित तैयार किया गया है। कंस्ट्रक्शन मटेरियल से भी पर्यावरण का नुकसान नहीं पहुंचगा क्योंकि सभी मटेरियल पर्यावरण फ्रेंडली इस्तेमाल किया जा रहा है। पर्यावरण के अनुकूल के लिए बड़ी पहल। भारतीय बुलेट ट्रेन परियोजना हर तरह से हरित। भारत को हाई स्पीड रेल के लिए दुनिया की पहली विशेष ग्रीन रेटिंग प्रणाली तैयार करने का गौरव प्राप्त हो गया है। 

कॉरिडोर के डिजाइन, निर्माण और संचालन भविष्य के ग्रीन कान्सेप्ट पर आधारित है। वर्षा जल संचयन तंत्र, सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए सौर पैनल और अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों को पहले ही स्टेशन के डिजाइनए डिपो और वायडक्ट्स निर्माण में शामिल किया गया है।