BPSC Mains Result में बेटे की कामयाबी पर जश्न की बजाए फूटा आंसुओं का सैलाब, जानिए वजह
बिहार लोक सेवा आयोग की प्रतिष्ठित बीपीएससी परीक्षा में पास होना बड़ी कामयाबी मानी जाती है। बुधवार को आयोग ने 65वीं मेंस परीक्षा का रिजल्ट जारी किया तो सफलता पाने वाले 1100 से अधिक अभ्यर्थियों के घर, माहौल जश्न का हो गया। लेकिन इसी परीक्षा में कामयाब एक अभ्यर्थी के घर जश्न की बजाए आंसुओं का सैलाब फूट पड़ा। दरअसल, भोजपुर जिले के अविनाश ने बीपीएससी मेंस परीक्षा का रिजल्ट आने के आठ दिन पहले इस दुनिया को अलविदा कर दिया था। कोरोना के चलते वह एक महीने तक मौत से जंग लड़ते रहे थे।
लेकिन 24 जून को वह यह जंग हार गए। बचपन से ही मेधावी अविनाश के निधन ने उनके परिवार को तोड़कर रख दिया है। भोजपुर जिले के पीरो अनुमंडल के बैसाडीह गांव में हर कोई उनकी मेधा का लोहा मानता था। अविनाश के पिता विजय शंकर उपाध्याय को हमेशा से उनकी बड़ी सफलता का भरोसा था। इस भरोसे की नींव पर अविनाश इंजीनियर बने और अब बीपीएससी की मेंस परीक्षा में कामयाबी के झंडे गाड़ दिए। बताते हैं कि अविनाश के दिल में समाज की सेवा की ललक थी इसीलिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एक अच्छी कंपनी का ऑफर स्वीकार करने की बजाए सिविल सर्विसेज की तैयारी का रास्ता चुना। इंजीनियरिंग की परीक्षा में भी वह सेकेंड टॉपर थे और बीपीएससी परीक्षा में भी कामयाबी हासिल कर ली। बताते हैं कि परीक्षा की तैयारी के दौरान ही वह कोरोना की चपेट में आ गए। करीब एक महीने तक वह इस जानलेवा वायरस से जूझते रहे और अंतत: 24 जून को दम तोड़ दिया।
रिजल्ट देखकर नि:शब्द रह गया परिवार
बुधवार को अविनाश को गए आठ दिन हो गए। इस दिन बीपीएससी का रिजल्ट आया तो परिवार कामयाब अभ्यर्थियों की सूची में उनका रोल नंबर देखकर नि:शब्द रह गया। उनकी इस उपलब्धि पर परिवार के सदस्यों की आंखों से आंसुओं का सैलाब फूट पड़ा।