अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं बाइडन
जो बाइडन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के बाद देश के सबसे उम्रदराज राष्ट्राध्यक्ष बन जाएंगे। इससे पहले ये खिताब डोनाल्ड ट्रंप के पास था। जो बाइडन पिछले वर्ष नवंबर में 78 वर्ष के हुए थे।
अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडन आज बुधवार 20 जनवरी 2021 को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। इसके साथ ही वो देश के इतिहास में सबसे उम्रदारज राष्ट्रपति भी बन जाएंगे। नवंबर 2020 में वो 78 वर्ष के हो गए हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि उनसे पहले सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति के नाम पर मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम था।
बाइडन का पूरा नाम जोसफ आर बाइडन है। इससे पहले वो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन में उप-राष्ट्रपति की भूमिका भी निभा चुके हैं। बाइडन के साथ भारतीय मूल की कमला हैरिस भी उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। अमेरिकी इतिहास का ये 59वां शपथ ग्रहण समारोह होगा। अमेरिकी इतिहास में ऐसा भी पहली बार हुआ है कि जब इसको लेकर इतना विवाद पैदा हुआ था। बहरहाल, केपिटल बिल्डिंग में 6 जनवरी 2021 को हुई हिंसा को देखते हुए इस बार सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किया गया है।
राष्ट्रपति चुनाव में मिली जीत के बाद उनके गृहनगर विलिम्गटन, डेलावेयर में जश्न का माहौल है। उन्होंने जीत के बाद यहां पर जो भाषण दिया था। इस दौरान उन्होंने अमेरिका को एकजुट होने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि टाइम टू हील इन अमेरिका। उनका कहना था वो अमेरिका को बांटना नहीं चाहते हैं। वो देश को रेड स्टेट और ब्लू स्टेट में नहीं देखना चाहते हैं बल्कि एक राष्ट्र के तौर पर देखते हैं। यहां पर उनके रेड और ब्लू स्टेट का अर्थ रिपब्ल्किन और डेमोक्रेट से था।
जोसेफ रॉबिनेटी बाइडन का जन्म पेनसिलवेनिया में 1942 में हुआ था। इसके बाद उनका परिवार डेलावेयर में आ गया था। 29 वर्ष की उम्र में वो सीनेट में शामिल होने वाले सबसे कम उम्र के सीनेटर बने थे। इसके एक सप्ताह के बाद ही उनकी पत्नी नीलिया और उनकी बेटी नाओमी की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी, जबकि उनके बेटे हंटर और बियू गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिस समय में उन्होंने सीनेटर के रूप में शपथ ली थी उस वक्त उनका बेटा अस्पताल में था। अगले पांच वर्षों तक उन्होंने अकेले ही अपने दोनों बच्चों की देखभाल की थी। इसमें उनका साथ उनकी बेहन वेल्री ने दिया था।
इसके बाद उन्होंने 17 जून 1977 को जिल से शादी की। इससे 1981 में उनकी एक बेटी आश्ले पैदा हुई। वर्ष 2020 में उन्होंने तीसरी बार देश के राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत की थी। इससे पहले दो बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 1988 में पहली बार उन्होंने इसके लिए दावेदारी पेश की थी और फिर 2008 में दूसरी बार वो इस पद के दावेदार के रूप में सामने आए थे।
बाइडन 2008 से लेकर 2016 तक ओबामा प्रशासन में बतौर उप-राष्ट्रपति रहे। बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह में करीब एक हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। इसमें कांग्रेस के सदस्य और अन्य लोग भी शामिल हैं। हालांकि इस समारोह में डोनाल्ड ट्रंप शामिल नहीं होंगे। आपको बता दें कि अमेरिकी इतिहास की ये एक व्यवस्था है कि जब भी कोई नया राष्ट्रपति शपथ ग्रहण करता है तो पुराना राष्ट्रपति उनके पीछे बैठता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। ये इस बात का भी सूचक है कि देश में शांति और प्रेम के साथ सत्ता का हस्तांतरण हो रहा है।