तेलंगाना हाई कोर्ट ने दिए एप आधारित कर्जदाताओं के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
मुख्य न्यायाधीश हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने वकील कल्याण दिलीप सुनकारा की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए पुलिस महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ऐसे एप या तो ब्लाक किए जाएं या फिर गूगल प्ले स्टोर से हटाए जाएं।
तेलंगाना हाई कोर्ट ने एप के माध्यम से ऊंची ब्याज दरों पर तत्काल कर्ज उपलब्ध करा कर वसूली के लिए कर्जदारों को प्रताडि़त करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस को जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने वकील कल्याण दिलीप सुनकारा की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए पुलिस महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ऐसे एप या तो ब्लाक किए जाएं या फिर गूगल प्ले स्टोर से हटाए जाएं।
कोर्ट ने पुलिस को इस प्रकार के एप चलाने वालों को गिरफ्तार करने का भी निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को मुकर्रर करते हुए पुलिस को इस मामले में की गई कार्रवाई पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि कर्जदाता कंपनियां तत्काल लोन एप के जरिये ऊंची ब्याज दर पर कर्ज देती हैं और उसके लिए प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में भी मोटी रकम वसूलती हैं। उसके बाद कर्ज नहीं चुकाने वालों से बदसुलूकी करती हैं और उन्हें धमकाया जाता है। तेलंगाना में इस तरह की प्रताड़ना के कारण दिसंबर 2020 में खुदकुशी की छह रिपोर्टे दर्ज की गईं। इन मामलों में 30 लोगों के खिलाफ 50 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। अभी तक चार चीनी नागरिकों को गिरफ्तार भी किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय भी इन मामलों की जांच कर रहा है।