नवादा के इस पुल पर चढ़कर दिखाओ तो जाने, 85 लाख की लागत से कराया गया था इसका निर्माण
संपर्क पथ के आभाव में 85 लाख रुपये की लागत से बना पुल लोगों के उपयोग में नहीं आ रहा है। मामला नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखंड के मकनपुर गांव का है। खेती-किसानी और शवों के दाह संस्कार के लिए मकनपुर सकरी नहर पर यह पुल बनाया गया है।
प्रखंड के मकनपुर गांव के लोगों की मांग पर सकरी नहर पर मकनपुर गांव के समीप पुल का निर्माण कराया गया। लेकिन संपर्क पथ नहीं बनाया गया। इस कारण यह पुल अनुपयोगी बन गया है। इससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है।गांव के किसानों के लिए बरसात के दिनों में बिना नहर में घुसे खेती-किसानी करने तथा शवों के दाह संस्कार में सुविधा को लेकर मकनपुर नहर पर करीब 85 लाख रुपये की लागत से पुल का निर्माण करवाया गया।
थोड़ी दूरी पर बनता तो नहीं होता संपर्क पथ का झंझट
ग्रामीण सुबोध कुमार, सुनील सिंह, पप्पू सिंह, मंटू सिंह, अभिमन्यु सिंह, विजय दास आदि कहते हैं कि पुल के निर्माण में कई खामियां है। पुल अगर एक सौ मीटर उतर दिशा में बनाया जाता तो संपर्क पथ का झंझट नहीं होता। साथ ही दरियापुर सड़क की सहयोगी सड़क के रूप में नहर से निकली कुटरी पइन के उत्तरी अलंग को चौड़ा कर सड़क के रूप में विकसित किया जा सकता था। वहीं पुल में अगर एक पाया कम दिया जाता तब नहर का दोनों तटबंध संपर्क पथ के रूप में कार्य करता। लेकिन पुल के अभियंता की लापरवाही के कारण आज निर्माण बाद भी पुल का उपयोग करना संभव नहीं हो पा रहा है। पुल का पूर्वी छोर तो बासोचक चंडीपुर गांव के सम्पर्क से जुड़ा है। लेकिन पशिचमी छोर पर पुल का संपर्क पथ के नाम पर मात्र डेढ़ मीटर नहर का बाजू है। ऐसे में पुल परर किसानों का ट्रैक्टर तो दूर पैदल लोग भी लुढ़ककर 10 फिट गढ्ढा बना खेत में गिर जाने की संभावना है।
पुल निर्माण में मानकों की अनदेखी
मकनपुर गांव के पशिचमी से होकर सकरी नदी के पौरा पूर्वी केनाल से निकली नहर बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह के पैतृक गांव बरबीघा के माउर गांव तक पानी पहुंचाती है। नहर पार पशिचम मकनपुर गांव के सैकड़ो किसानों की कई एकड़ उपजाऊ भूमि है। बरसात के दिनों में जब अधिक पानी आ जाता है उधर जाना मुश्किल हो जाता है। वहीं नहर के पार गांव का शमशान घाट अवस्थित है। जहां बरसात में शव ले जाने में काफी परेशानी होती थी। इन समस्यायों के मद्देनजर ग्रामीणों की मांग पर जदयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन बाबू के प्रयास से मकनपुर नहर में पुल का निर्माण कार्य अंतिम पड़ाव पर है। लोगों का कहना है कि पुल के निर्माण में निर्धारित सामग्रियों में काफी कंजूसी की गई है। फलतः पुल के दोनों ओर की गई घेराबंदी में कई स्थानों पर अभी ही दरार बन गया है। दोनों तरफ उतार पथों में नाम मात्र का सीमेंट दिया गया है। पुल निर्माण के दौरान अन्य कई मानदंडों की अनदेखी हुई है। जिसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित सहायक एवं कनीय अभियंता को जाती है।
नहर विभाग के सहायक अभियंता मो. इक्तिखार कहते हैं कि पुल निर्माण का मुख्य उद्देश्य गांव के लोगो को शमशान घाट तक शव को ले जाने में सुविधा हो इसके लिए पीसीसी पुल का निर्माण हो चुका है। भविष्य में संपर्क पथ भी बन जाएगा।