पर्ल हत्याकांड में उमर शेख की फांसी की सजा हो सकती है बहाल, सुप्रीम कोर्ट को आतंकी की स्वीकारोक्ति का पत्र मिला
डेनियल पर्ल की हत्या में शामिल आंतकी अहमद सईद उमर शेख के हाथ का लिखा एक पत्र मुकदमे के दस्तावेज में मिला है। इसमें उसने स्वीकार किया है कि पर्ल की हत्या में उसकी भूमिका थी। इससे सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई की पूरी तस्वीर बदल गई है।
पाकिस्तान में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या की सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में फिर नाटकीय मोड़ आ गया है। हत्या में शामिल कुख्यात आंतकवादी अहमद सईद उमर शेख के हाथ का लिखा एक पत्र मुकदमे के दस्तावेज में मिला है। जिसमें उसने यह स्वीकार किया है कि पर्ल की हत्या में उसकी भूमिका थी, लेकिन यह बहुत सीमित थी। अब पर्ल के वकील ने उसकी स्वीकारोक्ति पर फांसी का सजा बरकरार रखे जाने की मांग की है।
हाईकोर्ट ने माफ कर दी थी सजा
ज्ञात हो कि सिंध हाईकोर्ट ने कुख्यात उमर शेख सहित चारों आतंकवादियों की निचली अदालत के द्वारा दी गई सजा को माफ कर दिया था। साथ ही रिहा करने के आदेश दिए थे। इस निर्णय की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना के बाद पाकिस्तान बैकफुट पर आ गया। अब इस केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। सुप्रीम कोर्ट में पत्रकार पर्ल के माता-पिता ने अपील की है।
पत्र ने पूरी तस्वीर बदल दी
पर्ल की पैरवी करने वाले वकील फैसल सिद्दीकी ने कहा है कि पहले फांसी और फिर 18 साल की सजा के बाद हाईकोर्ट से पूरी तरह रिहा करने के बाद अब उमर शेख के हस्तलिखित पत्र ने पूरी तस्वीर बदल दी है। इस पत्र में उसने स्वीकार कर किया है कि वह डेनियल पर्ल की हत्या में शामिल था। वकील सिद्दीकी का कहना है कि पहले वह वारदात में शामिल होने से साफ इन्कार कर रहा था। उसका कहना था कि वह पर्ल को जानता तक नहीं है। यह बात उसने अपने इंटरव्यू में भी कही थी।
हत्या में शामिल था शेख
इस पत्र से यह सिद्ध हो गया है कि वह हत्या में शामिल था, अब उसको फांसी की सजा बरकरार रखने की मांग की जाएगी। अचरज की बात तो यह है कि उसने निचली अदालत में पत्र के माध्यम से अपराध स्वीकार करते हुए सजा कम रखने की अपील की थी और अदालत ने उसे पूरी तरह रिहा कर दिया।
कौन है उमरशेख
ज्ञात हो कि यह वही आतंकवादी उमरशेख है, जिसे 1999 में कंधार में एयरइंडिया के विमान को छोड़ने के एवज में रिहा करना पड़ा था। 38 वर्षीय डेनियल पर्ल वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख थे। पाकिस्तान में आतंकवादियों के नेटवर्क का खुलासा करने के लिए खबर करने के दौरान ही 2002 में आतंकवादियों ने सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी थी।