बिकरू कांड में एक और IPS पर लटकी कार्रवाई की तलवार, डीआइजी कर रहे जांच
बिकरू कांड में मुख्या आरोपित दुर्दांत विकास दुबे से संबंधों को लेकर संदिग्ध भूमिका में आए 37 पुलिस कर्मियों की जांच पहले से चल रही है। तत्कालीन एसएसपी की भूमिका संदेह के दायरे में आने के बाद अब एक और आइपीएस की जांच शुरू हो गई है।
बिकरू कांड में एक और आइपीएस का नाम जांच के दायरे में आ गया है। एसआइटी जांच में आरोपित किए गए बिल्हौर के तत्कालीन सीओ सुभाषचंद्र शाक्य को अब आइपीएस कैडर मिल चुका है। इससे पहले तक बिकरू कांड में तत्कालीन डीआइजी अनंत देव ही आइपीएस अधिकारी हैं, जिनके खिलाफ जांच चल रही है।
बिकरू कांड को लेकर गठित एसआइटी की जांच में 11 सीओ को के खिलाफ जांच की संस्तुति की गई थी। इनमें नौ के नाम थे, जबकि दो सीओ के नाम के स्थान पर उनकी तैनाती अवधि का जिक्र था। बाद में पता चला दोनों ही स्थानों पर इस समयावधि में बृज सिंह के नाम से सीओ कार्यरत थे। इसके साथ ही तत्कालीन सीओ नंदलाल, करुणाकर राय, सुंदर लाल, प्रेमप्रकाश, राम प्रकाश अरुण, सुभाष चंद्र शाक्य, लक्ष्मी निवास, अमित कुमार, हरेंद्र कुमार यादव के खिलाफ जांच एसपी पश्चिम डॉ अनिल कुमार को दी गई थी।
डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि सुभाष चंद्र शाक्य को पिछले दिनों पदोन्नति के बाद आइपीएस कैडर मिल गया है। वर्तमान में उनकी तैनाती मीरजापुर में 39 बटालियन पीएसी में है। उन्हेंं वर्ष 2013 कैडर आवंटित हुआ है। जांच अधिकारी एसपी पश्चिम डॉ अनिल कुमार वर्ष 2016 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। इसलिए वह अपने से वरिष्ठ अफसर के खिलाफ जांच नहीं कर सकते थे। ऐसे में अब सुभाषचंद्र के खिलाफ वह खुद जांच कर रहे हैं।