मायावती के बेहद खास रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी यूपी कांग्रेस की मीडिया सेल के चेयरमैन
कांग्रेस ने बसपा मुखिया के कभी दाहिना हाथ रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी को अहम पद देकर उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 से पहले मास्टरस्ट्रोक खेला है। इसके साथ ही सतीश अजमानी को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कोषाध्यक्ष बनाया गया है।
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के कभी बेहद खास रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी का कद अब कांग्रेस में भी बढ़ रहा है। आल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने सिद्दीकी को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में मीडिया विभाग के चेयरमैन बनाया है। इसके साथ ही सतीश अजमानी को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कोषाध्यक्ष बनाया गया है।
माना जा रहा है कि कांग्रेस ने बसपा मुखिया के कभी दाहिना हाथ रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी को अहम पद देकर उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 से पहले मास्टरस्ट्रोक खेला है। प्रदेश में बुंदेलखंड के कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी बसपा से विधान परिषद सदस्य थे। बसपा से बाहर होने के बाद पार्टी ने उनकी सदस्यता भी समाप्त करा दी थी। इसके बाद कांग्रेस में शामिल होने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मीडिया सेल का चेयरमैन बनाया गया है। मिशन 2022 की तैयारी में जुटी कांग्रेस ने पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री फेस प्रोजेक्ट करने की तैयारी में है। इसी क्रम में पहले मीडिया सेल को मजबूत किया जा रहा है।
करीब हफते भर पहले कांग्रेस ने पार्टी में उत्तर प्रदेश की सोशल मीडिया सेल को संभाल रहे अध्यक्ष मोहित पाण्डेय को हटाकर अभय पाण्डेय को काम सौंपा था। उत्तर प्रदेश मिशन 2022 में जुटी कांग्रेस अब संगठन को भी पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त रखना चाहती है। राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा प्रदेश से लेकर निचले स्तर तक के पदाधिकारी की लगातार रिपोर्ट ले रही हैं। यह बेहद स्पष्ट संदेश है कि निष्क्रिय व परिणाम न देने वालों को पद पर न रखा जाए। इसी समीक्षा में कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष मोहित पाण्डेय फेल साबित हुए। अब उनके स्थान पर राष्ट्रीय आइटी सेल में काम कर रहे जालौन के अभय पाण्डेय को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। मोहित पाण्डेय को प्रियंका वाड्रा के निजी सचिव संदीप ङ्क्षसह का बेहद खास बताया जाता है। उन्हीं ने यह जिम्मेदारी भी दिलाई थी, लेकिन प्रभारी की उम्मीदों पर खरा न उतरने की वजह से उन्हें हटा दिया गया है।