राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' की दी बधाई, सर्वश्रेष्ठ चुनावी प्रथाओं को दिए विशेष पुरस्कार
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज साल 2020-21 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने जा रहे हैं। साथ ही बताया गया कि और चुनाव आयोग के वेब रेडियो हैलो वोटर्स को भी वे लॉन्च करेंगे। बता दें कि आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस भी है।
भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर वीसी के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ चुनावी प्रथाओं के लिए विशेष पुरस्कार प्रदान किए। बताया गया था कि आज साल 2020-21 के लिए राष्ट्रपति कोविंद राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने जा रहे हैं। साथ ही बताया गया है कि और चुनाव आयोग के वेब रेडियो 'हैलो वोटर्स' को भी वे लॉन्च करेंगे। बता दें कि आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस है। इस मौके पर भारतीय चुनाव आयोग ई-ईपीआईसी (इलेक्ट्रॉनिक इलेक्टोरल फोटो पहचान पत्र) कार्यक्रम की शुरुआत भी करेगा। इस दौरान राष्ट्रपति द्वारा दिया गया संदेश अपडेट के रूप में सामने है।
-राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'मैं सभी देशवासियों को 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' की बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि हम सब मिलकर, अपने देश में लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए अपना योगदान निरंतर देते रहेंगे।'
-राष्ट्रपति बोले- 'हम सभी का, विशेष रूप से, पहली बार मतदान का अधिकार प्राप्त करने वाले हमारे युवाओं का दायित्व है कि वे न केवल स्वयं अधिक से अधिक संख्या में, पूरी समझ-बूझ के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग करें, अपितु दूसरे लोगों को भी प्रेरित करें।'
-राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि बिहार विधान सभा के चुनाव में, दिव्यांग-जनों, 80 वर्ष से ऊपर के वृद्ध-जनों, आवश्यक सेवाओं में कार्यरत मतदाताओं अथवा कोविड से संक्रमित या क्वारंटीन में रखे गए मतदाताओं को डाक मतपत्र अर्थात पोस्टल बैलट की सुविधा उपलब्ध कराई गई।'
-राष्ट्रपति बोले- पिछले वर्ष, कोविड महामारी के दौरान बिहार विधान-सभा, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में सफल एवं सुरक्षित चुनावों का सम्पन्न होना हमारे लोकतन्त्र की असाधारण उपलब्धि है।
-राष्ट्रपित ने कहा, 'योग्यता, धर्म, नस्ल, जाति के आधार पर कोई भेदभाव न करते हुए, हर पुरुष या महिला, अमीर या ग़रीब को मतदान का अधिकार है और हर व्यक्ति के मत का महत्व भी समान रखा गया है। इसके लिए हम सब अपने संविधान-निर्माताओं के ऋणी हैं।'
-कोविंद बोले- हमारे देश में, भारत सरकार अधिनियम 1919 और 1935 के द्वारा चुनिंदा लोगों को ही, मतदान का अधिकार दिया गया था। लेकिन, स्वतंत्र भारत के हमारे संविधान में, आरंभ से ही 21 वर्ष या अधिक आयु के सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार प्रदान किया। बाद में इस आयु को घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया।
-राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मैं आप सभी को स्मरण कराना चाहूंगा कि हम सभी को मतदान के बहुमूल्य अधिकार का सदैव सम्मान करते रहना चाहिए। मतदान का अधिकार कोई साधारण अधिकार नहीं है। दुनिया भर में, मतदान के अधिकार के लिए लोगों ने बहुत संघर्ष किया है।
-राष्ट्रपति बोले- स्वतंत्रता-प्राप्त करने के लगभग 75 वर्षों के भीतर ही भारत लोकतन्त्र के एक विश्व-व्यापी आदर्श के पोषक के रूप में उभरा है। इस उपलब्धि में, निर्वाचन आयोग के शीर्षस्थ अधिकारी से लेकर देश के छोटे से छोटे गाँव में बसे साधारण नागरिकों का अमूल्य योगदान है।
-राष्ट्रपति ने कहा, भारत में गणतांत्रिक प्रणाली का समृद्ध इतिहास रहा है। वैशाली, कपिलवस्तु और मिथिला की परंपरा से भारत ने यह सीखा है कि शासन पर, समाज के किसी एक वर्ग या वंश का एकाधिकार नहीं होता है। लोकतंत्र में 'लोक' यानि जनता की इच्छा ही सर्वोपरि होती है।
-कोविंद ने 11वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर कहा, 'मैं सभी मतदाताओं को, विशेषकर हमारे उन युवा मतदाताओं को बधाई देता हूं, जिन्हें पहली बार मतदान का अधिकार प्राप्त हुआ है। आज से आपको, भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में और देश का भविष्य तय करने में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर प्राप्त हो रहा है।'
-राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, देश में, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के संवैधानिक दायित्व का सफलतापूर्वक वहन करने वाले भारत निर्वाचन आयोग के 72वें स्थापना दिवस पर, मैं, सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं।
-11 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर तीन पुस्तकें लॉन्च की गईं।
-दक्षिण-पूर्वी दिल्ली की हरलीन कौर जिला निर्वाचन अधिकारी को चुनाव प्रबंधन के लिए पुरस्कार दिया गया।
-स्वर्गीय विनोद कुमार, आईपीएस जीपी पूर्णिया बिहार को मरणोपरांत सुरक्षा प्रबंधन के लिए पुरस्कार दिया गया।
चुनाव आयोग सोमवार को 11वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने जा रहा है। इस अवसर पर केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद भी मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है कि वोटर आइडेंटिटी कार्ड (मतदाता पहचान पत्र) का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण वे लांच करेंगे। मतदाता इस इलेक्ट्रॉनिक पहचान पत्र को अपने मोबाइल फोन या निजी कंप्यूटर पर डाउनलोड कर सकेंगे।
चुनाव अधिकारियों के मुताबिक, इस ई-मतदाता पहचान पत्र को डिजिटल लॉकर में सुरक्षित रखा जा सकेगा या उसे पीडीएफ फार्मेट में प्रिंट भी किया जा सकेगा। बता दें कि भारत के गणतंत्र बनने के एक दिन पहले ही 25 जनवरी, 1950 को चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी।