संसद में पेगासस कांड को लेकर 13वें दिन भी जारी रहा हंगामा, विपक्ष ने ठहराया जायज तो भाजपा ने उठाए सवाल
पेगासस जासूसी कांड पर संसद में जारी घमासान को विपक्ष ने जायज ठहराते हुए इस पर दोनों सदनों में चर्चा कराए जाने की अपनी मांग से कोई समझौता नहीं करने का एक बार फिर साफ संदेश दे दिया है।
पेगासस जासूसी कांड पर संसद में जारी घमासान को विपक्ष ने जायज ठहराते हुए इस पर दोनों सदनों में चर्चा कराए जाने की अपनी मांग से कोई समझौता नहीं करने का एक बार फिर साफ संदेश दे दिया है। विपक्ष के तेवरों के चलते संसद में लगातार 13वें दिन गतिरोध बना रहा तो सरकार ने आर्थिक सुधार समेत कुछ बड़े विधेयकों को पेश कर इन्हें पारित कराने की गति बढ़ा दी है। जासूसी कांड पर मचे संग्राम की अनदेखी कर अहम विधेयकों को पारित कराए जाने के सरकार के इस रुख का भी विपक्ष ने कड़ा विरोध किया है। वहीं बिना किसी सुबूत के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश को पेगासस विवाद में घसीटने पर भाजपा भड़क गई है
दिन भर स्थगित होती रही कार्यवाही
लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी हंगामे के चलते दिन भर कार्यवाही बार-बार स्थगित होती रही। मगर इसी शोर-शराबे में राज्यसभा ने अरुणाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजाति की सूची में संशोधन से संबंधित विधेयक तथा आवश्यक रक्षा सेवाओं से संबंधित विधेयक पारित कर दिया। लोकसभा में लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने और टैक्स सुधारों से जुड़े अहम बिल सरकार ने पेश कर दिए।
टैक्स सुधार संशोधन बिल पेश करने का विरोध
लोकसभा में कांग्रेस ससंदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के टैक्स सुधार कानून में संशोधन संबंधित बिल पेश किए जाने पर एतराज जताते हुए कहा कि दिन की कार्यसूची में इसका उल्लेख नहीं था। अचानक अतिरिक्त कार्यसूची में इसे शामिल कर संसदीय लोकतंत्र की परंपरा को ध्वस्त किया जा रहा है। चौधरी ने कहा कि संसद में गतिरोध के बीच सरकार आनन-फानन में औसतन सात मिनट में एक विधयेक पारित कर रही है। आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने भी टैक्स सुधार संशोधन बिल पेश किए जाने का विरोध किया।
खड़गे ने कहा- बहस की मांग जायज
हालांकि विपक्ष के हंगामे और एतराज के बावजूद लोकसभा में दोनों बिल पेश हो गए और सदन पूरे दिन के लिए स्थगित हो गया। राज्यसभा में भी पेगासस कांड पर बहस को लेकर विपक्ष काफी उत्तेजित नजर आया और बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के छह निलंबित सदस्यों के सदन स्थगित होने के बाद के व्यवहार पर भी हंगामा हुआ। सदन कई बार स्थगित भी हुआ। हंगामे के बीच नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पेगासस जासूसी कांड बेहद गंभीर मसला है और इस पर विपक्षी दलों की बहस की मांग जायज है।
हंगामा भी लोकतांत्रिक विरोध का एक स्वरूप
विपक्ष पर संसद को जाम करने के सत्ता पक्ष के आरोपों पर खड़गे ने कहा कि सदन में हंगामा भी लोकतांत्रिक विरोध का एक स्वरूप है। खड़गे ने इस संदर्भ में अरुण जेटली के राज्यसभा में नेता विपक्ष रहते हुए दिए गए बयान का भी हवाला दिया। तब उप सभापति हरिवंश ने तत्काल सदन को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद भी पूरे दिन हंगामा और व्यवधान का दौर चलता रहा और इस दरम्यान दो विधेयक पारित हुए।
सरकार ने गतिरोध को गैरवाजिब बताया
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सदन में विपक्ष के गतिरोध को गैरवाजिब ठहराते हुए विधेयकों को सदन में रखे जाने के सरकार के रुख को पूरी तरह कानून सम्मत ठहराया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आवश्यक रक्षा सेवाओं से संबंधित बिल पर जैसे ही ध्वनिमत से सदन की मुहर लगवाई वैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही भी पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई।
विपक्ष नहीं पेश कर पाया है सुबूत
वहीं बिना किसी सुबूत के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश को पेगासस विवाद में घसीटने पर भाजपा भड़क गई है। पूर्व आइटी मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने पेगासस मुद्दे को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि अभी तक इस मामले में एक भी प्रारंभिक सुबूत पेश करने में विपक्ष विफल रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ विपक्ष संसद में इस मुद्दे पर बहस की मांग कर रहा है, वहीं दूसरी ओर आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से कागज छीनकर बयान देने से रोकने का भी काम करता है।