अयोध्या भी जुड़ेगा दिल्ली वाराणसी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर से, एनसीआर समेत यूपी के कई जिलों को होगा फायदा
सर्वे के लिए एरियल लिडार एवं इमेजरी सेंसर से लैस हेलिकाप्टर में रविवार को ग्रेटर नोएडा में पहली उड़ान भरी। दिल्ली-वाराणसी के बीच आठ सौ किमी लंबे कॉरिडोर के एरियल सर्वे से एलाइनमेंट के लिए सटीक ब्योरा मिलेगा।
दिल्ली वाराणसी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर (Delhi Varanasi High Speed Rail Corridor) से अयोध्या (फैजाबाद) भी जुड़ेगा। मिली जानकारी के मुताबिक, रेल कॉरिडोर के लिए रविवार से लाइट डिटेक्शन एवं रेंजिग सर्वे का काम शुरू हो चुका है। बताया जा रहा है कि इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना के लिए तीन से चार माह में सर्वे का सारा काम पूरा हो जाएगा। इससे एकत्र ब्योरे के आधार पर कॉरिडोर का एलाइनमेंट तय किया जाएगा। सर्वे के लिए एरियल लिडार एवं इमेजरी सेंसर से लैस हेलिकाप्टर में रविवार को ग्रेटर नोएडा में पहली उड़ान भरी। दिल्ली-वाराणसी के बीच आठ सौ किमी लंबे कॉरिडोर के एरियल सर्वे से एलाइनमेंट के लिए सटीक ब्योरा मिलेगा।
गौरतलब है कि लेजर डाटा, जीपीएस डाटा व वास्तविक फोटोग्राफ की मदद से सटीक ब्योरा एकत्र किया जाएगा। साठ मेगा पिक्सल कैमरे से कॉरिडोर में आने वाले पेड़, ढांचागत संरचना आदि की स्थिति सामने आएगी। आमतौर पर इस तरह के सर्वे में दस से बारह महीने का समय लगाता है, लेकिन सर्वे कार्य को तीन से चार माह में पूरा करने व सटीक ब्योरे एकत्र करने के लिए नेशनल हाईस्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड ने लिडार तकनीक की मदद ली है। बॉक्सनोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर होगा स्टेशन दिल्ली वाराणसी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट अक्टूबर 2020 में रेलवे मंत्रालय को सौंपी गई थी।
परियोजना से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली वाराणसी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर देश की राजधानी दिल्ली से शुरू होगा। इसके बाद यह कॉरिडोर गौतमबुद्ध नगर जिले में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से होते हुए जाएगा। इस कॉरिडोर में मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी और अयोध्या स्टेशन होंगे।
इससे न केवल दिल्ली के लोगों को, बल्कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा समेत यूपी के दर्जन भर जिले के लोगों को लाभ होगा। खासतर दिल्ली-एनसीआर के लिए दिल्ली वाराणसी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर बेहद ही लाभदायक होने जा रहा है।