दिल्ली में आउटर रिंग रोड पर होगा किसानों का ट्रैक्टर मार्च
किसानों का ट्रैक्टर मार्च दिल्ली के आउटर रिंग रोड की परिक्रमा करेगा और गणतंत्र दिवस की परेड में कोई विघ्न नहीं डाला जाएगा। ट्रैक्टर मार्च पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा और सभी ट्रैक्टर में तिरंगा और किसी एक किसान संगठन का झंडा भी लगा होगा।
कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान 26 जनवरी को हर हाल में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने रविवार को बैठक कर ट्रैक्टर मार्च के रूट का ऐलान किया। किसान नेताओं ने बताया कि किसानों का ट्रैक्टर मार्च दिल्ली के आउटर ¨रग रोड की परिक्रमा करेगा और गणतंत्र दिवस की परेड में कोई विघ्न नहीं डाला जाएगा। ट्रैक्टर मार्च पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा और सभी ट्रैक्टर में तिरंगा और किसी एक किसान संगठन का झंडा भी लगा होगा। उधर, सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को होने वाली सुनवाई पर भी किसान नेताओं की नजरें टिकी हैं।किसान आंदोलन की आगामी रूपरेखा तय करने के लिए रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने बैठक की। मोर्चा की सात सदस्यीय कमेटी ने पहले दौर की बैठक में आपस में चर्चा कर आंदोलन की आगामी रणनीति तय की और फिर मोर्चा के सभी सदस्यों के साथ बैठक कर इस पर विचार-विमर्श किया। देर शाम संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य डा. दर्शनपाल, युद्धवीर ¨सह, योगेंद्र यादव, शिवकुमार शर्मा कक्काजी, रणधीर सिंह, जगजीत सिंह दल्लेवाल आदि ने बताया कि बैठक का मुख्य मुद्दा ही 26 जनवरी का किसान ट्रैक्टर मार्च था।
किसान नेताओं ने कहा कि जब जवान गणतंत्र दिवस का परेड करेंगे तभी किसान भी मार्च करेंगे। इसके लिए हमें सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि कुछ असामाजिक तत्व चाहता है कि इसमें व्यवधान हो, जबकि हमारा मार्च पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा। योगेंद्र यादव ने बताया कि बैठक में ट्रैक्टर मार्च को लेकर पांच सूत्र तय किए गए और इस पर चर्चा हुई। सबसे पहले यह तय हुआ कि किसान गणतंत्र मार्च दिल्ली के अंदर होगा और गणतंत्र दिवस के समारोह में कोई व्यवधान नहीं उत्पन्न किया जाएगा। किसानों का मार्च दिल्ली के आउटर ¨रग रोड की परिक्रमा करेगा, जो कि करीब 50 किलोमीटर का है। उन्होंने कहा कि वे एक तरह से यह सूचना दे रहे हैं और इसमें दिल्ली या हरियाणा पुलिस कोई बाधा न पहुंचाए। इस मार्च में कोई भी किसान हथियार लेकर नहीं जाएगा और न ही कहीं कोई भड़काऊ भाषणबाजी होगी। यही नहीं, किसान किसी भी राष्ट्रीय स्मारक या प्रतीक पर कोई कब्जा या हमला नहीं करेंगे। इसके अलावा यह भी तय किया गया कि देश के जिन इलाकों से किसान दिल्ली नहीं पहुंच सकते, वे अपने-अपने राज्य की राजधानी या जिला मुख्यालय पर इसी तरह शांतिपूर्ण ढंग से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।
धरनास्थल पर जलेगा अखंड ज्योत
किसान नेता डॉ. दर्शनपाल ने बताया कि किसान आंदोलन में अब तक 121 किसान शहीद हो चुके हैं। इनकी शहादत को नमन करने के लिए धरनास्थल पर अखंड ज्योत जलाई जाएगी। इसके लिए आंदोलनरत किसान हरियाणा के गांव-गांव का भ्रमण कर सभी से एक चम्मच घी और मिट्टी लेकर आएंगे। इसी घी से अखंड ज्योत जलेगी और प्रदेशभर से लाई गई मिट्टी से धरनास्थल पर शहीद किसानों की याद में पौधारोपण किया जाएगा। इस दौरान किसान एनआइए द्वारा की जा रही कार्रवाई की निंदा भी की। किसान नेताओं का कहना था कि जो भी व्यक्ति आंदोलन में किसी प्रकार की मदद कर रहा है, उस पर सरकार अत्याचार कर रही है।