संवेदनहीनता: मां के अंतिम संस्कार के लिए पड़ोसियों से मांगी मदद, मुंह पर ही बंद कर लिए दरवाजे

एंबुलेंस चालक शव को गली में उतारकर चला गया। यह देखकर बजाए मदद करने के पड़ोसियों ने अपने-अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए। युवक का कोई रिश्तेदार भी उसकी मदद को आगे नहीं आया। कोई भी युवक की मां का अंतिम संस्कार करवाने को तैयार नहीं हुआ। परेशान होकर पीड़ित ने पुलिस से मदद मांगी

संवेदनहीनता: मां के अंतिम संस्कार के लिए पड़ोसियों से मांगी मदद, मुंह पर ही बंद कर लिए दरवाजे

फाइल फोटो

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कोरोना महामारी के कारण लोगों में इस कदर खौफ है कि लोग मुसीबत में खड़े लोगों की मदद करने के लिए भी तैयार नहीं हैं। जैतपुर में एक युवक के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। युवक की मौत की मौत हो गई। एंबुलेंस चालक शव को गली में उतारकर चला गया। यह देखकर बजाए मदद करने के पड़ोसियों ने अपने-अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए। 


युवक का कोई रिश्तेदार भी उसकी मदद को आगे नहीं आया। कोई भी युवक की मां का अंतिम संस्कार करवाने को तैयार नहीं हुआ। परेशान होकर पीड़ित ने पुलिस से मदद मांगी। इसके बाद जैतपुर थाना पुलिस ने बेटे के साथ मिलकर महिला का अंतिम संस्कार करवाया। युवक पुलिस का धन्यवाद करता नहीं थक रहा है।


दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त आरपी मीणा ने बताया कि 30 अप्रैल को एक युवक ने कॉल कर पुलिस को सूचना दी कि उसकी मां की मौत हो गई है। वह उनका अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहा है। दरअसल उसकी मां कृष्णा देवी (50) अस्थमा की मरीज थी। 

तबीयत खराब होने पर उसे होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अस्पताल से बेटा एंबुलेंस में शव घर ले आया। शव को गली में उतारकर एंबुलेंस चालक चला गया, लेकिन यह देखकर पड़ोसियों ने उससे मुंह फेर लिया। 

मामले की सूचना मिलने के बाद जैतपुर थाने के एसआई शिवराज और अन्य स्टाफ उसकी मदद के लिए घर पहुंचा। पुलिस ने शव को शमशान घाट तक ले जाने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम किया। इसके बाद बेटे के साथ मिलकर महिला का अंतिम संस्कार करवाया गया। पुलिस की इस मदद से महिला का बेटा उनका धन्यवाद करता नहीं थक रहा है।