2500 करोड़ की हेरोइन का मामला : बीएसएफ कमांडेंट के फ्लैट में चला रहा था नशे का कारोबार
एनएसजी विहार सोसाइटी की पार्किंग में खड़ी कार और फ्लैट से 351 किलोग्राम हेरोइन बरामदगी का मामला दिल्ली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट से जुड़े दो लोगों को यहां से गिरफ्तार किया था
विस्तार
फरीदाबाद से गिरफ्तार नशे के सौदागरों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। आरोपी नशे के कारोबार के लिए फ्लैट नंबर 402 में रह रहे थे, जो कि बीएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट नवल सिंह के नाम पर है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुक्रवार रात सोसाइटी की पार्किंग में खड़ी कार और फ्लैट से 351 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी। आरोपियों ने चार कमरों वाले इस फ्लैट को महज 14 हजार रुपये प्रतिमाह के किराये पर लिया था। जांच में पता चला है कि फ्लैट मालिक ने किरायेदारों का पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं कराया था। पुलिस ने फ्लैट मालिक को नोटिस जारी किया है।
एनएसजी विहार सोसाइटी में मात्र बीस फ्लैट हैं, जो सेना व आर्म्ड फोर्स के अधिकारियों के नाम पर हैं। यहां एक फ्लैट आईपीएस का भी है। सोसाइटी के ग्राउंड फ्लोर पर ही एक बोर्ड पर सभी अधिकारियों के फ्लैट नंबर व नाम लिखे हैं। सोसाइटी के चौथे फ्लोर पर बना फ्लैट नंबर 402 नवल सिंह के नाम पर है, जो कि सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स में अधिकारी हैं। सूत्रों के मुताबिक नवल सिंह फिलहाल बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर तैनात हैं। पुलिस गिरफ्त में आए अंतरराष्ट्रीय नशा तस्कर जालंधर निवासी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी व गुरजोत सिंह उर्फ गोलू इसी फ्लैट में रहते थे।
सोसाइटी के गार्ड से संपर्क कर फ्लैट लिया था
गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी व गुरजोत सिंह उर्फ गोलू ने फ्लैट किराए पर लेने के लिए सोसाइटी के गार्ड से संपर्क किया था। गार्ड ने उन्हें एक प्रॉपर्टी डीलर का नंबर दे दिया था। डीलर ने नवल सिंह से बात कर आरोपियों को फ्लैट दिलाया। वारदात के बाद से सोसाइटी के एक सुरक्षाकर्मी को हटा दिया गया है।
किसी से बातचीत नहीं करते थे
सोसाइटी की दूसरी मंजिल पर रहे एक युवक ने बताया कि 402 नंबर फ्लैट में रह रहे लोग किसी से बातचीत नहीं करते थे। सोसाइटी व आसपास के लोगों को घटना के बाद तक नहीं पता लगा था कि माजरा क्या है। टीवी में देखने का बाद सभी हैरान थे। थाना आदर्श नगर प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि आरोपियों ने कुछ दिनों पहले ही यहां रहना शुरू किया था। फ्लैट के मालिक को नोटिस जारी किया गया है। संवाद
अधिकारियों के नाम को ढाल बनाकर रह रहे थे
आरोपियों ने नशे का धंधा चलाने के लिए बेहद सुरक्षित इलाके को चुना था। सोसाइटी को देखकर लगता है कि आरोपियों ने फ्लैट किराए पर लेने से पहले इलाके की रेकी की थी। आसपास और भी कई सोसायटी हैं, जहां फ्लैट किराए के लिए खाली हैं, लेकिन उन्होंने एनएसजी विहार को ही चुना। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि सभी फ्लैट सेना व आर्म्ड फोर्स के अधिकारियों के नाम पर हैं। कोई भी अधिकारी यहां नहीं रहता। आरोपियों को लगा कि बड़े अधिकारियों के घर होने के कारण पुलिस के आने-जाने का डर नहीं रहेगा। दूसरा ये कि इस सोसाइटी से कुछ दूरी पर ही छह लेन की बाईपास रोड है। इस रोड से सहारे दिन या रात में कभी भी दिल्ली, पलवल या उत्तर प्रदेश के लिए जाया जा सकता है।