KGMU में आज पंजीकरण कराओ, फरवरी अंत में दिखाओ; ठंड में सांस-हृदय रोगियों के लिए आफत
केजीएमयू में जनवरी में 80 फीसद विभागों की ओपीडी फुल। वहीं फरवरी अंत का अधिकतम विभाग में नंबर मिल रहा है। स्थिति यह है कि पहले जहां ओपीडी में हर रोज नौ से दस हजार मरीज देखे जा रहे थे। वहीं अब संख्या तीन हजार के आस-पास सिमट गए हैं।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की ओपीडी में मरीजों की तादाद बेहद कम कर दी गई है। संख्या सीमित करने से हजारों मरीज वेटिंग में हैं। उन्हें सामान्य इलाज के लिए कई दिनों का इंतजार करना पड़ रहा है। वर्तमान में जनवरी में ओपीडी फुल है। वहीं, फरवरी अंत का अधिकतम विभाग में नंबर मिल रहा है।
केजीएमयू में करीब 31 विभाग की ओपीडी चल रही है। यहां लॉकडाउनभर ओपीडी बंद रही। वहीं अब खुलने के बावजूद मरीजों का दर्द हल्का नहीं हुआ। ऑनलाइन सिस्टम व बेहद कम संख्या तय करना मरीजों पर भारी पड़ रहा है। स्थिति यह है कि पहले जहां ओपीडी में हर रोज नौ से दस हजार मरीज देखे जा रहे थे। वहीं अब संख्या तीन हजार के आस-पास सिमट गए हैं। ऐसे में हजारों मरीजों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं अफसर मरीजों की समस्या से बेपरवाह बने हुए हैं।
सिर्फ 75 मरीज ही एक दिन में: केजीएमयू में पहले हर रोज 20 नए व 30 पुराने मरीज का नियम बना दिया गया। मसलन, हर विभाग में सिर्फ 50 मरीजों को ही देखा गया। वहीं दैनिक जागरण ने मसला उठाया, तो शासन ने कम मरीज देखने पर नाराजी जाहिर की। ऐसे में सुपर स्पेशयलिटी विभाग में 25 मरीजों को देखना और बढ़ा दिया। वर्तमान में सुपर स्पेशयलिटी विभाग में छह घंटे की ओपीडी में सिर्फ 75 मरीज ही देखे जा रहे हैं। ऐसे में हृदय व सांस रोगी को भी ठंड में दिखाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। 80 फीसद ओपीडी जनवरी में फुल है। इनमें 15 से 22 फरवरी की तारीख मरीजों को ऑनलाइन मिल रही है। वहीं कुछ विभाग फरवरी में भी फुल दिखा रहे हैं।
सर्जरी के विभागों में भी लंबा इंतजार: सर्जरी के लिए भी मरीजों को लंबा इंतजार करना पड रहा है। विभिन्न सर्जिकल डिपार्टमेंट में दिखाने के लिए ही फरवरी तक शेड्यूल फुल है। खासकर, कैंसर के मरीजों की आफत बढ़ रही है। मरीज सुमित के मुताबिक आंकोसर्जरी में मरीजों को फरवरी तक डेट नहीं मिल पा रही है। ऐसे ही न्यूरो सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी समेत समेत 16 विभागों में भी आफत है। यहां ओपीडी में दिखाने के बाद सर्जरी के लिए भी महीनों की डेट दी जा रही है। उधर, संस्थान की ओपीडी में कितनी वेटिंग है। इस पर सब चुप्पी साधे हैं। संस्थान के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ाई गई है। जैसे-जैसे कोविड नियंत्रण में आएगा। वैसे ही ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ाई जाती रहेगी।