Tokyo Olympics: चोट के बावजूद बॉक्सर Satish Kumar ने दिखाया दम, मेडल की उम्मीद खत्म

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारतीय बॉक्सर सतीश कुमार (Satish Kumar) क्वार्टर फाइनल मुकाबले से पहले गहरी चोट लग गई थी, लेकिन उन्होंने बिना लड़े हारना पसंद नहीं किया.

Tokyo Olympics: चोट के बावजूद बॉक्सर Satish Kumar ने दिखाया दम, मेडल की उम्मीद खत्म

टोक्यो: भारतीय बॉक्सर सतीश कुमार (Satish Kumar) सुपर हैवीवेट (91 किलोग्राम से ज्यादा) कैटेगरी के क्वार्टर फाइनल में उजबेकिस्तान (Uzbekistan) के बखोदिर जालोलोव (Bakhodir Jalolov) से हारकर टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) से बाहर हो गए.

चोट के बावजूद खेले सतीश

बॉक्सर सतीश कुमार (Satish Kumar) के घर मे मैच देखने के लिए परिवार वाले और गांव के लोग इकट्ठा हुए थे. उनकी माँ गुड्डी देवी लगातार अपने बेटी की जीत के लिए प्रार्थना कर रहीं थीं, लेकिन चोट के साथ खेल रहे सतीश अगले दौर में पहुचने में नाकाम रहे.

सतीश को लगे थे कई टांके

सतीश कुमार (Satish Kumar)को प्री-क्वार्टर फाइनल में लगी चोटों के कारण माथे और ठोड़ी पर कई टांके लगे थे. उन्हें जमैका के रिकार्डो ब्राउन के खिलाफ प्री-क्वार्टर फाइनल में दो कट लगे थे. सेना के 32 साल मुक्केबाज ने अपने दाहिने हाथ से पंच भी जड़े लेकिन जालोलोव पूरे मुकाबले में हावी रहे. तीसरे दौर में सतीश के माथे पर लगा घाव खुल गया लेकिन इसके बावजूद वह लड़ते रहे.

 

 

सतीश की बहादुरी की तारीफ

फुटबॉलर से मुक्केबाज बने बखोदिर जालोलोव (Bakhodir Jalolov) ने अपना पहला ओलंपिक मेडल पक्का करने के बाद सतीश की बहादुरी की तारीफ की. सतीश सुपर हैवीवेट में क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले मुक्केबाज थे. वहीं जालोलोव 3 बार के एशियन चैम्पियन भी हैं.

टोक्यो में लवलीना का मेडल पक्का

इसके साथ ही पुरुष मुक्केबाजी (Men's Boxing) में भारतीय चुनौती खत्म हो गई.  लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) महिला वर्ग में सेमीफाइनल खेलेंगी जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक बॉक्सिंग में भारत का पहला और इकलौता मेडल पक्का किया है.